Last Updated: Sunday, August 19, 2012, 15:01

नई दिल्ली : राजस्व विभाग ने योग गुरु बाबा रामदेव से जुड़े ट्रस्टों का अंतिम कर आंकलन का काम शुरू कर दिया है। हाल ही में सेवा और आयकर अधिकारियों ने कथित कर अपवंचचन मामले में इन ट्रस्टों की विशेष जांच की थी।
वित्त मंत्रालय के आयकर और सेवा कर विभागों ने हाल ही में इन ट्रस्टों को नोटिस जारी किया था जिनका रामदेव विरोध कर रहे हैं।
केंद्रीय आर्थिक गुप्तचर ब्यूरो और केंद्रीय उत्पाद खुफिया महानिदेशालय (डीजीसीईआई) रामदेव संचालित ट्रस्टों की आय और सेवा कर देनदारियों की गणना कर रहे हैं।
सूत्रों ने कहा, रामदेव के ट्रस्टों की सेवा कर देनदारी का पता लगाने लिए जांच शुरू की गई है। प्रथम दृष्ट्या लगता है कि ट्रस्टों द्वारा योग शिविर में शिरकत करने के लिए कूपन की बिक्री और रामेदव द्वारा संचालित पतंजलि योग पीठ द्वारा उत्पादों की बिक्री जैसे वाणिज्यिक गतिविधियों को अंजाम दिया गया है। विभाग उनका आंकलन कर रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि आयोजकों से जुड़े सूचना और रामदेव के ट्रस्टों द्वारा पूरे देश में संचालित विभिन्न कार्यक्रमों में इस्तेमाल किए गए धन के स्रोत के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है। जब रामदेव के प्रवक्ता एस के तिजारवाला से संपर्क किया गया तो उन्होंने दावा किया कि ये ट्रस्ट कर दायरे से बाहर हैं, क्योंकि ये धर्मार्थ गतिविधियों से जुड़े हैं न कि वाणिज्यिक कामों से।
तिजारावाला ने कहा, हम सभी एजेंसियों को जांच में सहयोग करेंगे। हमारे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। योग शिविरों को सेवा कर के भुगतान से बाहर रखा गया है क्योंकि इनके जरिए लोगों का चिकित्सा राहत दिलाया जाता है।
आयकर विभाग ने आयुर्वेद दवाओं की बिक्री को लेकर इन ट्रस्टों को मई में 58 करोड़ रुपये का नोटिस जारी किया था।
इसी तरह से सेवा कर विभाग ने रामदेव के ट्रस्टों से उनके द्वारा संचालित योग शिविरों के एवज में पांच करोड़ रुपए की मांग की है।
आर्थिक गुप्तचर एजेंसियां भी रामदेव के ट्रस्टों की गतिविधियों को जांच कर रही हैं कि कहीं इनके द्वारा सेवा कर अपवंचन तो नहीं किया गया। (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 19, 2012, 13:07