Last Updated: Monday, May 27, 2013, 23:19

मुंबई : सोने की मांग कम करने पर जोर देते हुये रिजर्व बैंक ने आज बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर सोने के सिक्कों तथा स्वर्ण एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) और साझा कोषों के यूनिटों के बदले कर्ज देने पर प्रतिबंध लगा दिया।
रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना में कहा है, सलाह दी जाती है कि बैंकों द्वारा बेचे जाने वाले विशेष रूप से ढाले गये सिक्कों के बदले अग्रिम राशि प्रदान करते समय बैंकों को सुनिश्चित करना चाहिये कि प्रति ग्राहक स्वर्ण सिक्कों का वजन 50 ग्राम से अधिक नहीं होना चाहिये। बैंकों से यह भी कहा गया है कि वे सुनिश्चित करें कि किसी भी ग्राहक को स्वर्ण आभूषणों, जेवरात और सोने के सिक्कों (50 ग्राम तक) के बदले किसी भी ग्राहक को ऋण की मात्रा व्यापक तौर पर बोर्ड से मंजूरी प्राप्त सीमा के दायरे में होनी चाहिये।
इसमें कहा गया है कि बैंकों के द्वारा बेचे जाने वाले विशेष सिक्के सर्राफा अथवा प्राथमिक सोने की प्रकृति के न हों तो ऐसी स्थिति में इन सिक्कों के बदले बैंकों को ऋण देने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिये। रिजर्व बैंक ने कहा कि स्वर्ण एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) और गोल्ड म्युचूवल फंड इकाइयों के बदले बैंक कर्ज नहीं दे सकते। मौजूदा समय में बैंकों को स्वर्ण आभूषणों और अन्य आभूषणों और बैंकों द्वारा बेचे गये सिक्कों के बदले अग्रिम राशि देने की अनुमति है।
हालांकि किसी भी रूप में सोने की खरीद के लिए कोई अग्रिम प्रदान नहीं किया जा सकता है। सरकार ने सोने के आयात को हतोत्साहित करने के लिये पिछले दिनों कई कदम उठाये हैं। रिजर्व बैंक ने बैंकों पर भी सोने के आयात पर प्रतिबंध लगाये हैं। सोने के आयात पर देश से बाहर भारी विदेशी मुद्रा प्रवाह और चालू खाते के घाटे को थामने के लिये ये प्रतिबंध लगाये गये। (एजेंसी)
First Published: Monday, May 27, 2013, 23:19