Last Updated: Friday, December 2, 2011, 14:59
नई दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्रालय तथा उसकी तकनीकी इकाई हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के 1.529 अरब डालर की निवेश योजना को मंजूरी देने से शुक्रवार को मना कर दिया। इस योजना के तहत कंपनी ने केजी-डी6 फील्ड से गैस उत्पादन में कमी की भरपाई के लिए सेटेलाइट फील्ड के विकास करने की बात कही थी।मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि केजी-डी6 ब्लाक पर निगरानी समिति की आज यहां बैठक हुई।
मंत्रालय तथा डीजीएच ने निवेश योजना को मंजूरी देने से मना कर दिया और कहा कि उसकी सहयोगी ब्रिटेन की बीपी तथा कनाडा की निको र्सिोसेज को निवेश योजना पर और काम करने की जरूरत है क्योंकि मूल प्रस्ताव 2009 में दिया गया था। निवेश योजना पिछले दो साल से मंजूरी के लिए डीजीएच और पेट्रोलियम मंत्रालय के पास पड़ा था। और आज जब यह मंजूरी के लिए प्रबंधन समिति के पास आई, मंत्रालय तथा डीजीएच ने कहा कि ऊर्जा और सेवा की कीमतों में बदलाव को देखते हुए निवेश योजना पर फिर से काम करने की जरूरत है।
सूत्रों के मुताबिक आरआईएल ने अध्ययन के लिए तीन करोड़ डालर की मंजूरी देने का भी अनुरोध किया था, इसे भी मंत्रालय ने खारिज कर दिया। इसके तहत नए फील्डों की विकास योजना प्रबंधन समिति को दी जानी थी।
आरआईएल ने 2009 में फील्ड विकास योजना (एफपीडी) सौंपी थी। यह योजना केजी-डी6 ब्लाक में मौजूदा धीरूभाई-1 तथा 3 फील्डों के आसपास चार सेटेलाइट फील्ड के विकास से जुड़ी थी। इसके विकास के लिए और 2016 तक एक करोड़ घन फुट प्रतिदिन गैस उत्पादन के लिए कंपनी ने 1.529 अरब डालर के निवेश का प्रस्ताव दिया गया था।
(एजेंसी)
First Published: Friday, December 2, 2011, 21:29