रेल ट्रिब्यूनल तय करे किराया: योजना आयोग - Zee News हिंदी

रेल ट्रिब्यूनल तय करे किराया: योजना आयोग

नई दिल्ली: रेल यात्री किराया तय करने में रेल मंत्री की भूमिका खत्म करने की पहल करते हुए योजना आयोग के एक कार्य समूह ने भाड़ा तय करने का अधिकार रेल शुल्क न्यायाधिकरण  को दिये जाने का सुझाव दिया है। आरईटी एक अर्ध न्यायिक संस्था है जिसका पास माल भाड़े से जुड़े विवाद पर निर्णय का अधिकार है।

 

रेल व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए योजना आयोग द्वारा गठित कार्यसमूह की रपट में कहा गया है ‘रेल शुल्क न्यायाधिकरण के दायरे में यात्री किराया और पार्सल शुल्क को भी शामिल किया जा सकता है।’ यह सुझाव महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार की कई समितियों की सिफारिशों के बावजूद यात्री किराया तय करने के लिए एक स्वतंत्र संस्था स्थापित करने का फैसला नहीं किया गया है।

 

पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी की 2012-13 के रेल बजट में रेल शुल्क नियामक प्राधिकार के गठन की कोशिश बेकार हो गई क्योंकि नए रेल मंत्री मुकुल राय ने प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया।

 

माना जाता है कि सवारी किराया तय करने के लिए एक स्वतंत्र प्राधिकार आवश्यक है क्योंकि रेल मंत्री अक्सर राजनैतिक वजहों से शुल्क बढ़ाने से बचते हैं। वित्त वर्ष 2012-13 के रेल बजट में सवारी किराया नौ साल के अंतराल के बाद बढ़ाया गया था। राय ने तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी की आपत्ति के बाद साधारण, शयनयान और वातानुकूलित थ्री टीयर श्रेणी के किराए में प्रस्तावित बढ़ोतरी वापस ले ली।

 

रेल अधिनियम 1989 के प्रस्तावों के तहत सवारी किराया और माल भाड़ा तय करना रेल मंत्रालय का विशेषाधिकार है और माल भाड़े से जुड़े विवाद को सुलझाने के संबंध में राहत के लिए आरईटी को संपर्क किया जा सकता है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, April 8, 2012, 20:55

comments powered by Disqus