Last Updated: Thursday, November 15, 2012, 21:09
नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) शीघ्र ही अमेरिकी खुदरा कंपनी वालमार्ट को भारत में एक संयुक्त उद्यम में उसके निवेश को लेकर विदेशी मुद्रा प्रबंध कानून के उल्लंघन का नोटिस जारी करने वाला है। निदेशालय रिजर्व बैंक के कहने पर वालमार्ट के खिलाफ जांच कर रहा है।
जानकार सूत्र ने बताया, `एजेंसी को भारतीय रिजर्व बैंक से इस निवेश की जांच करने संबंधी परिपत्र मिला है। एजेंसी का बेंगलुरु कार्यालय वित्तीय निवेश तथा रेमिटेंस से जुड़े दस्तावेजों के लिए नोटिस जारी करेगा।` निदेशालय ने इस बारे में विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के तहत मामला दर्ज किया है। निदेशालय शीघ्र ही कंपनी को दी गई मंजूरी का ब्यौरा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से मांगेगा। सूत्रों ने कहा कि वालमार्ट ने 2010 में मॉरिशस स्थित एक फर्म के जरिए भारती वेंचर्स की एक अनुषंगी में निवेश किया था।
आरोप है कि वालमार्ट ने घरेलू मल्टीब्रांड रिटेल सीरीज में निवेश किया जबकि इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर प्रतिबंध था। इस निवेश की जांच की जा रही है। भारती एंटरप्राइजेज ने हालांकि इन आरोपों का खंडन किया है कि उसने इस बारे में किसी नियम का उल्लंघन किया है। कंपनी के अनुसार उसकी सारी प्रक्रियाएं कानूनसम्मत थीं।
उल्लेखनीय है कि वालमार्ट ने सेडार सपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड में 455.8 करोड़ रुपए का निवेश किया था जो कि भारती वेंचर्स की अनुषंगी है। भाकपा के राज्यसभा सांसद एमपी अच्युतन ने इस निवेश पर आपत्ति जताते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा कि यह निवेश अवैध है और एफडीआई नियमों का उल्लंघन है। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग ने 30 अक्तूबर को लिखे एक पत्र में कहा था कि रिजर्व बैंक इस मामले में फेमा कानून के तहत समुचित कार्रवाई कर सकता है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, November 15, 2012, 21:09