'विदेशी सौदों पर कर से निवेश पर असर' - Zee News हिंदी

'विदेशी सौदों पर कर से निवेश पर असर'



नयी दिल्ली : ब्रिटेन की दूरसंचार क्षेत्र की प्रमुख कंपनी वोडाफोन ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर विदेशों में हुये विलय एवं अधिग्रहण सौदों पर पिछली तिथि से कर लगाने के कदम को मनमानी और दंडात्मक कारवाई बताते हुये कहा है कि इससे भारत की बेहतर निवेश स्थल की पहचान धूमिल होगी।

 

वोडाफोन समूह के सीईओ विटोरिओ कोलाओ ने 26 मार्च को भेजे पत्र में प्रधानमंत्री के साथ अपनी जून 2010 की बैठक का हवाला दिया जिसमें सिंह ने कहा, भारतीय न्यायिक प्रणाली में भरोसा रखना चाहिये। कोलाओ ने लिखा है इस वर्ष जनवरी में उच्चतम न्यायालय ने फैसला दिया कि वोडाफोन द्वारा हांगकांग स्थित हचीसन टेलिकॉम में हच एस्सार की 67 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदे जाने का सौदा भारत में कर लगाने योग्य नहीं है।

 

यहां तक कि इस संबंध में उच्चतम न्यायाल में दायर पुनर्विचार याचिका भी इस महीने की शुरुआत में खारिज कर दी गई। इसके बावजूद सरकार ने वोडाफोन-हच सौदे पर विदहोल्डिंग कर लगाने के लिये आयकर अधिनियम में पिछली तिथि से संशोधन का प्रस्ताव किया है। जब कभी भविष्य की किसी तिथि से कोई संशोधन का प्रस्ताव किया जाता है, हम तथा अन्य निवेशक पूरे विश्वास के साथ भविष्य की अपनी योजना तैयार कर सकते हैं। लेकिन प्रस्तावित संशोधन विधेयक (जिसे अभी संसद से पारित होना है) में असाधारण ढंग से 50 साल पहले से संशोधन का प्रावधान किया गया है, जिससे निवेशकों पर से न्यायालय की सुरक्षा भी हट जायेगी।

 

कोलाओ ने कहा पिछली तिथि से कर दायित्व तय करने अथवा कर कारणों से वोडाफोन को पिछली तिथि से हचिसन का एजेंट प्राधिकृत करना पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है। उन्होंने जानना चाहा, सौदा पांच साल पहले पूरा हो चुका है। वोडोफोन उस राशि से जो उसने पांच पहले हचिसन को भुगतान की थी अब कर काटकर नहीं दे सकता।

 

इस सौदे में वोडाफोन ने भारत में किसी तरह का कोई पूंजीगत लाभ हासिल नहीं किया, यहां तक कि हमारे भारतीय निवेश से अभी तक एक भी रुपया नहीं लिया गया। इसलिये प्रस्तावित संशोधन से वोडाफोन को किसी दूसरे के लिये 11,000 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि का भुगतान करना होगा। इससे कैसे न्याय मिल सकता है।

 

वोडाफोन भारत में अब तक 36,000 करोड़ रुपये का निवेश कर चुका है। उसने प्रत्यक्ष तौर पर 8,600 लोगों को रोजगार दिया है और इसके साथ ही 25,000 करोड़ रुपये भारतीय खजाने में विभिन्न करों के तौर पर दे रही है।
वोडाफोन समूह सीईओ ने लिखा, भारत में दीर्घकालिक निवेश करने वाले प्रतिबद्ध विदेशी निवेशक पर कर प्रशासन की तरफ से पिछली तिथि से मनमाने तरीके से दंडात्मक कारवाई करने से केवल भारत की बेहतर निवेश स्थल की छवि ही धूमिल होगी।

 

वोडाफोन समूह प्रमुख कोलाओ ने उसी दिन वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को भी पत्र लिखा जिसमें उनहोंने कहा कि यदि पिछली तिथि से प्रस्तावित संशोधन किये जाते हैं तो इससे भारतीय न्यायिक प्रणाली पर दीर्घकालिक संवैधानिक प्रभावों जैसे मुद्दे उठेंगे। अनेक वैश्विक व्यावसायिक संघों ने भी इस संबंध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को लिखा है।  (एजेंसी)

First Published: Tuesday, April 3, 2012, 11:42

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