वियतनाम का भारतीय कंपनियों को निवेश का न्यौता

वियतनाम का भारतीय कंपनियों को निवेश का न्यौता

नई दिल्ली : वियतनाम ने वैश्विक नरमी से प्रभावित अपनी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये तेल एवं गैस उत्खनन, बंदरगाह तथा इस्पात उत्पादन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश हेतु भारतीय कंपनियों को निवेश का आज न्यौता दिया। वियतनाम के प्रधानमंत्री नगुयेन तान दुंग ने पिछले कुछ साल में भारतीय अर्थव्यवसथा की मजबूत वृद्धि की सराहना की और उपग्रह, रिमोट सेन्सिंग प्रौद्योगिकी तथा असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी एवं समुद्री शोध में भारत से मदद की मांग की।

दुंग ने कहा, ‘‘हम वियतनाम में बुनियादी ढांचा, समुद्री बंदरगाह, इस्पात उत्पादन जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिये भारतीय कंपनियों का स्वागत करते हैं।’’ भारत को वियतनाम का महत्वपूर्ण आर्थिक सहयोगी करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि चालू वर्ष में दोनों देशों का व्यापार 4 अरब डालर पहुंच सकता है और 2015 में इसके 7 अरब डालर तक पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि सेवा तथा निवेश पर आसियान तथा भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर जल्दी ही हस्ताक्षर होंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘हम पिछले कुछ साल से भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि की प्रशंसा करते हैं। देश अतयाधुनिक शिक्षा तथा अत्याधुनिक विज्ञान-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में चर्चित है। भारत का क्षेत्र में तथा विश्व मंच पर भूमिका महत्वपूर्ण होती जा रही है। 2012 में 1,800 अरब डालर मूल्य के जीडीपी के साथ शीर्ष 10 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है।’’

द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने की वकालत करते हुए वियतनाम के प्रधानमंत्री ने कहा कि वियतनाम विभिन्न क्षेत्रों में भारत से मदद लेना पंसद करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी खासकर सूचना प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, नैनो प्रौद्योगिकी, शांतिपूर्ण उद्देश्य के लिये परमाणु प्रौद्योगिकी, उपग्रह तथा तेल एवं गैस उत्खनन समेत विभिन्न क्षेत्रों में मूल्यवान विकास अनुभव से सीखना चाहते हैं।’’ सेवा तथा निवेश पर आसियान-भारत मुक्त व्यापार समझौता के बारे में दुंग ने कहा कि दोनों पक्षों ने समझौते को अंतिम रूप देने के लिये प्रयास तेज कर दिये हैं। इससे भारत और वियतनाम के बीच व्यापार मजबूत होगा। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, December 19, 2012, 21:42

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