Last Updated: Tuesday, August 6, 2013, 13:03

नई दिल्ली : भारतीय कंपनियां अभी तक पूरी तरह धोखाधड़ी के बारे में चेताने वाली (व्हीसल ब्लोइंग) प्रणाली का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं। एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि ज्यादातर कर्मचारी किसी गलत काम के बारे में शीर्ष अधिकारियों को जानकारी देने के लिए अनौपचारिक चैनलों का इस्तेमाल माल करते हैं।
एसोचैम और अनर्स्ट एंड यंग द्वारा संयुक्त रूप से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्यादातर धोखाधड़ी के मामलों में कारोबार में बाधा आती है तथा कंपनी की प्रतिष्ठा तो जाती ही है, वित्तीय नुकसान होता है सो अलग।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘व्हीसलब्लोइंग’ भारत में अभी भी शुरआती अवस्था में हैं और ज्यादातर भारतीय कंपनियां धोखाधड़ी के खिलाफ इसे प्रभावी ‘हथियार’ के रूप में इस्तेमाल नहीं कर पा रही हैं।
व्हीसल ब्लोइंग अमेरिका जैसे विकसित देशों में काफी लोकप्रिय है। यहां यह नए कंपनी कानून का हिस्सा होगा। नए कंपनी विधेयक को पिछले साल दिसंबर में लोकसभा ने मंजूरी दी थी। संसद के चालू सत्र में इसे राज्यसभा में पारित किए जाने की उम्मीद है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 6, 2013, 13:03