Last Updated: Sunday, October 21, 2012, 20:25

मुंबई : भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शेयर बाजार की फर्मों के लिखलाफ शिकायतों और आरोपों की जांच एक साल के अंदर पूरा करने का निश्चय किया है। नियामक के इस संकल्प से मामले को लंबा खिंचने की शिकायत कम होगी तथा बाजार में हेराफेरी करने वालों पर कानून का शिकंजा सख्त होगा।
सेबी चेयरमैन यू.के. सिन्हा ने कहा, इस तरह की धारणा अब बुरी बात हो चुकी है कि की बाजार में गड़बड़ी करने वाले खुले घूम सकते हैं क्योंकि और उनके खिलाफ कार्रवाई में वर्षों का समय लग जाता है। सिन्हा ने कहा कि यह हो सकता है कि पहले कुछ मामलों में इस तरह की देर हो गई हो, पर अब हम हमारे हाथ में केवल ताजा मामले ही बचे हैं। मैं यह नहीं कहूंगा कि ताजा का मतलब एक दो महीना पर हम अपनी जांच के मामले में बहुत समय पर हैं।
उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य है कि आगे चलकर कोई भी ऐसा मामला नहीं हो जो बरसों तक चले। एक साल से अधिक न चले। मैंने यही लक्ष्य अपने लोगों को दिया है और हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। मैं शतप्रतिशत निश्चिंत हूं कि हम इस लक्ष्य को हासिल कर सकेंगे।
सिन्हा ने बाजार में गड़बड़ी करने वालों को भी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि नियामक तेज तर्रार निगरानी प्रणाली तथा सेफगार्ड तंत्र के जरिए बाजार के निवेशकों के लिए हमेशा उनसे आगे रहेगा।
सेबी प्रमुख से जब यह कहा गया कि बाजार में गड़बड़ी करने वाले लोग हमेशा कोई नया रास्ता ढूंढ लेते हैं तो उन्होंने कहा, पर इसके साथ ही कहा जाता है कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं। अपने लंबे हाथों से कानून हमेशा उन्हें पकड़ लेता है।
उन्होंने उल्टा सवाल किया, ‘गड़बड़ी करने वाले कितने दूर तक भाग सकते हैं।’ सिन्हा ने कहा कि सेबी को लगातार सतर्क रहने और हर दिन प्रणाली में सुधार करने की जरूरत है। यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।
उन्होंने कहा, जिन लोगों से हम निपटना चाहते हैं वे काफी तेज हैं और संसाधन वाले होते हैं। वे हमेशा हमारी तुलना में अपनी प्रणाली में सुधार करना चाहते हैं। ऐसे में हमें लगातार अपनी प्रणाली में सुधार करने की जरूरत है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, October 21, 2012, 16:00