सरकार ने एसएंडपी को लिया आड़े हाथ

सरकार ने एसएंडपी को लिया आड़े हाथ


नई दिल्ली/कोच्चि : सरकार और उद्योग जगत का एक वर्ग आज खुलकर वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी) के खिलाफ खड़ा हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि एसएंडपी ने भारतीय अर्थव्यवस्था का आकलन ‘पारदर्शी’ तरीके से नहीं किया है और उसकी टिप्पणियों में राजनीतिक की बू आती है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने जहां कहा कि सरकार ने एसएंडपी की चेतावनी को देखा है और वह आर्थिक समस्याओं को सुलझाने के लिए कदम उठा रही है।

वहीं कंपनी मामलों के मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि एसएंडपी की टिप्पणियों में राजनीति की बू आती है। आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव आर गोपालन ने कहा कि सरकार को एसएंडपी से रेटिंग से जुड़े मामलों में पारदर्शी जवाब नहीं मिले हैं। उद्योग मंडल एसोचैम के अध्यक्ष राजकुमार धूत ने कहा कि एसएंडपी की राजनीति तथा सरकार पर टिप्पणियां ‘ड्राइंग रूम’ की बातचीत से अधिक कुछ नहीं हैं और वह भी बेहद गलत तरीके से।

एसएंडपी ने कल भारत की क्रेडिट रेटिंग को घटाने की चेतावनी देते हुए कहा था कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच भूमिका के बंटवारे से आर्थिक सुधारों के रास्ते में अड़चन आ रही है। कंपनी मामलों के मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि किस प्रकार वे राजनीतिक दल और राजनीतिक नेतृत्व पर टिप्पणी कर सकते हैं।

मोइली ने कोच्चि में संवाददाताओं से कहा कि मनमोहन महान अर्थशास्त्री और राजनेता हैं। वह सरकार की अगुवाई काफी बेहतर तरीके से कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसएंडपी को अपनी गलती स्वीकार करते हुए इसमें सुधार करना चाहिए। मोइली ने कहा कि किस तरह क्रेडिट रेटिंग एजेंसी प्रधानमंत्री को बिना चुनाव वाला नेता बता सकती है। प्रधानमंत्री राज्यसभा के चुने हुए सदस्य हैं और उनके पास 350 सदस्यों का पूर्ण समर्थन है। साथ ही उन्हेंच सहयोगी दलों का भी पूरा समर्थन है। मुझे नहीं लगता कि किसी अन्य प्रधानमंत्री के पास इतना समर्थन होगा। मुखर्जी ने कल एसएंडपी की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया था।

वहीं गोपालन ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने एसएंडपी के प्रतिनिधियों से कहा है कि उनकी रेटिंग की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात के बाद धूत ने कहा कि हमें इस तरह के रेटिंग परिदृश्य से घबराने की जरूरत नहीं है। अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को लेकर हमारा रिकार्ड कभी भी चूक (डिफाल्ट) वाला नहीं रहा है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, June 12, 2012, 23:17

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