Last Updated: Monday, May 6, 2013, 20:18

नई दिल्ली : ऑनलाइन समाचार पोर्टल कोबरा पोस्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के 23 बैंकों तथा बीमा कंपनियों पर मनी लांड्रिंग का गैरकानूनी धंधा चलाने का आज आरोप लगाया। आरोप है कि ये बैंक और बीमा कंपनियां देश भर में कानून का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं और लोगों के बेनामी धन को वैध रूप देने में मदद कर रहे हैं।
पोर्टल ने एक विज्ञप्ति में कहा है, ‘‘कई महीनों तक किये गये स्टिंग आपरेशन में यह पाया गया है कि देश में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बीसियों बैंक तथा बीमा कंपनियां मनी लांड्रिंग गतिविधियों में शामिल हैं। इस आपरेशन में कुल मिलाकर 23 बैंक और बीमा कंपनियों के बारे में ये बातें सामने आयी हैं।’’ कोबरापोस्ट ने आरोप लगाया कि वित्तीय क्षेत्र की इकाइयां अपने ग्राहक की विधिवत सूचना प्राप्त करने की (केवाईसी) व्यवस्था का पालन किये बगैर ही ग्राहकों को बैंक खाते खोलने तथा लॉकर उपलब्ध कराने की पेशकश की है। इसके जरिये उनके काले धन को सफेद बनाया गया और इसके लिए फर्जी पैन कार्ड लिए गए।
मनी लांड्रिंग गतिविधियों में शामिल होने को लेकर जिन बैंकों और बीमा कंपनियों के खिलाफ आरोप लगे हैं, वे भारतीय स्टेट बैंक, केनरा बैंक, रिलायंस लाइफ, टाटा एआईए, यस बैंक, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, आईडीबीआई बैंक, ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स, देना बैंक, कारपोरेशन बैंक, इलाहबाद बैंक, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया, धनलक्ष्मी बैंक, फेडरल बैंक, डीसीबी बैंक तथा बिड़ला सनलाइफ हैं।
कोबरापोस्ट का यह दूसरा सबसे बड़ा खुलासा है। इससे पहले, 14 मार्च को पोर्टल ने निजी क्षेत्र के शीर्ष बैंकों-एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक तथा एक्सिस बैंक---के खिलाफ मनी लांड्रिंग के आरोप लगाये थे।
बैंक और बीमा कंपनियों के मनीलांडरिंग में शामिल होने के इस आरोप के बारे में वित्तीय सेवा सचिव राजीव टकरू ने कहा, ‘‘मैंने इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) से कोबरापोस्ट के आरोपों को देखने को कहा है..आरोपों की जांच करने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि तीन वरिष्ठ अधिकारियों को इस मुद्दे को देखने को कहा गया है।’’ कोबरापोस्ट की विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘आपरेशन रेड स्पाइडर 2 से यह बात साबित हुई है कि मनी लांड्रिंग केवल निजी बैंकों तक सीमित नहीं है और न ही कोई असामान्य बात रह गयी है।’’ पोर्टल के अनुसार, ‘‘यह भले ही आहत करने वाला हो लेकिन यह सही है कि पूरी बैंकिंग प्रणाली तथा बीमा क्षेत्र इसमें शामिल हैं और इसकी जड़ें काफी लंबी हैं।’’ संवाददाताओं से बातचीत में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन प्रतीप चौधरी ने कहा कि बैंक आरोपों की जांच करेगा और जो दोषी पाये जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘अबतक यह केवाईसी के उल्लंघन को लेकर कोई संकेत नहीं देता है। लेकिन अगर ऐसा हुआ है, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।’’ चौधरी ने कहा, ‘‘हमारा इस बारे में साफ रूख है कि मनी लांड्रिंग या केवाईसी नियमों का उल्लंघन कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’’ काल धन रखने के लिये लाकरों के दुरूपयोग के बारे में चौधरी ने कहा कि बैंक इस बात पर नजर नहीं रखते कि ग्राहक अपने लाकरों में क्या रख रहे हैं। कोबरापोस्ट के आरोपों से इनकार करते हुए रिलायंस लाइफ ने कहा कि अगर कंपनी पाती है कि कोई समस्या है, जिसे दूर करने की जरूरत है तो उसे दूर के लिये कदम उठाया जाएगा।
बैंक आफ बड़ौदा के महाप्रबंधक डी डी सिंगला ने कहा, ‘‘हम पूरे मामले की जांच कर रहे हैं..अगर नियमों का उल्लंघन पाया जाता है तो हम स्थापित प्रक्रिया के तहत उससे कड़ाई से निपटेंगे।’’ डीसीबी बैंक एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम मामले की समीक्षा कर रहे हैं और आंतरिक स्तर पर जांच की जा रही है। बैंक नियमों के उल्लंघन की अनुमति नहीं देता।’’ कोबरापोस्ट के मार्च में पहले खुलासे के बाद रिजर्व बैंक ने आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक तथा एक्सिस बैंक के खिलाफ जांच शुरू की थी।
केंद्रीय बैंक ने पिछले सप्ताह चालू वित्त वर्ष की मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘..मामले की जांच से यह बात सामने आयी है कि बैंकों द्वारा नियामकीय अनुपालन व्यवस्था बेहतर करने की जरूरत है।’’ (एजेंसी)
First Published: Monday, May 6, 2013, 20:18