सिर्फ CRR में कटौती से घटेंगी ब्याज दरें : इंडिया रेटिंग्स

सिर्फ CRR में कटौती से घटेंगी ब्याज दरें : इंडिया रेटिंग्स

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में कटौती का लाभ बैंकों के लिए उपभोक्ताओं को देना मुश्किल है, क्योंकि उन पर लगातार पुनर्वित्त का दबाव है। इंडिया रेटिंग्स ने यह बात कही है। रेटिंग एजेंसी का मानना है कि सिर्फ नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में कटौती से ही बैंकों को ब्याज दरें कम करने में मदद मिल सकती है। बैंकों को अपनी जमा का एक भाग रिजर्व बैंक के पास रखना होता है, इसे सीआरआर कहते हैं।

इंडिया रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि सीआरआर में कटौती से मौद्रिक रख को नरम करने में रेपो दरों में कटौती की तुलना में अधिक मदद मिलेगी। इससे बैंकों को आधार दर में कटौती से आमदनी में आई कमी के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी, क्योंकि ऊंची जमा दरों की वजह से बैंकों पर पुनर्वित्त का दबाव है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी वजह यह है कि बैंक ब्याज दरों में कटौती का लाभ अपने कोष की लागत तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं, क्योंकि वे लघु अवधि के कोष की ओर स्थानांतरित हो रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी क्षेत्र के कई बैंकों ने मार्जिन को कायम रखने के लिए अपनी आधार दरों में जरा भी कटौती नहीं की है, जबकि इस दौरान रिजर्व बैंक सीआरआर में 2 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, May 2, 2013, 16:55

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