Last Updated: Thursday, May 2, 2013, 16:55
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में कटौती का लाभ बैंकों के लिए उपभोक्ताओं को देना मुश्किल है, क्योंकि उन पर लगातार पुनर्वित्त का दबाव है। इंडिया रेटिंग्स ने यह बात कही है। रेटिंग एजेंसी का मानना है कि सिर्फ नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में कटौती से ही बैंकों को ब्याज दरें कम करने में मदद मिल सकती है।