Last Updated: Friday, April 26, 2013, 13:17

मुंबई : रिजर्व बैंक ने चेतावनी देते हुये कहा है कि विदेशी कंपनियां उसकी अनुमति के बिना भारत में मुद्रा, प्रतिभूति और जिंस कारोबार सुविधा के लिये अपनी इकाई स्थापित करने के वास्ते प्रत्यक्ष निवेश का इस्तेमाल नहीं करें।
रिजर्व बैंक ने कहा है इस तरह का कोई भी मामला सामने आने के बाद उसे विदेशी मुद्रा विनिमय नियमन का उल्लंघन माना जायेगा और फेमा अधिनियम 1999 के तहत कारवाई की जायेगी।
केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि यह देखा गया है कि कुछ पात्र भारतीय इकाइयां स्वत: मंजूरी मार्ग के जरिये विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का इस्तेमाल कर मुद्रा, प्रतिभूति और जिंस कारोबार में सुविधा के लिये ढांचा खड़ा कर लेती हैं।
रिजर्व बैंक ने इस संबंध में जारी अधिसूचना में कहा है ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि कोई भी विदेशी कंपनी जिसकी यहां प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष इक्विटी हिस्सेदारी है, वह रिजर्व बैंक की अनुमति के बिना इस तरह के उत्पादों की पेशकश नहीं करेगी। क्योंक भारतीय रपया अभी पूरी तरह परिवर्तनीय नही है और इस तरह के उत्पादों की पेशकश से देश के विनिमय दर प्रबंधन पर असर पड़ सकता है।’ (एजेंसी)
First Published: Friday, April 26, 2013, 13:17