Last Updated: Wednesday, September 19, 2012, 22:31
नई दिल्ली : उद्योग जगत ने कहा है कि सरकार को तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी के दबाव में नहीं आना चाहिए। आनंद महिंद्रा और किरण मजूमदार शॉ जैसे उद्योगपतियों ने सरकार से इन फैसलों पर किसी तरह के दबाव में न आते हुए सुधार प्रक्रिया जारी रखने को कहा है।
बायोकॉन की चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शॉ ने ममता को एक ‘लीक से हटकर राजनीतिज्ञ’ करार देते हुए कहा कि उनकी वोट बैंक की राजनीति आर्थिक वृद्धि से मेल नहीं खाती। शॉ ने ट्विट किया है, ममता दीदी एक लीक से हटकर नेता हैं, जो गरीब लोगों के वोट बैंक पर निर्भर हैं। उनका आर्थिक एजेंडा आर्थिक वृद्धि से मेल नहीं खाता। सरकार के बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के फैसले को सही ठहराते हुए शॉ ने कहा कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को लेकर जो आशंका बनी है, वैसा ही डर उस समय भी पैदा हुआ था जब मैकडॉनल्ड्स और अन्य ने यहां अपने श्रृंखला स्थापित की थी।
महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी सरकार से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की मांगों के आगे नहीं झुकने को कहा है। महिंद्रा ने कहा कि इसके बजाय सरकार को सुधारों की प्रक्रिया को जारी रखना चाहिए। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के सुधारों का समर्थन करते हुए महिंद्रा ने ट्विट किया है, हम सरकार से एक बार फिर आग्रह करते हैं कि वह अपने रुख पर कायम रहे। सही सोच वाले भारतीय धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रही अर्थव्यवस्था में इस तरह की लागलपेट वाली राजनीति से हैरान हैं। उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष आर वी कनोड़िया ने कहा कि राजनीतिक दलांे को यह समझना होगा कि देश की आर्थिक वृद्धि के लिए सुधार महत्वपूर्ण हैं।
कनोड़िया ने कहा, देश को सुधारों की जरूरत है। इसे आगे बढ़ना है। इसमें क्षमता, योग्यता तथा उद्यमशीलता का कौशल है। मैं उन लोगां से कहूंगा जो इनका समर्थन नहीं कर रहे हैं कि वे सावधानी से सुधारां पर विचार करें। फिक्की ने कहा कि देश के व्यापक हित में राजनीतिक मतभेदों को अलग रखा जाना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 19, 2012, 22:31