सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक में 49 खनन पट्टे रद्द किये-SC clears A, B category mining in Karnataka

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक में 49 खनन पट्टे रद्द किये

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक में 49 खनन पट्टे रद्द कियेनई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्रीय अधिकार प्राप्त समिति की सिफारिशों पर कर्नाटक में बेलारी, तुंकुर और चित्रांगदा जिलों में सबसे अधिक अनियमित्ता करने वाले 49 खनन पट्टे रद्द कर दिये लेकिन कम अवैधता वाली खदानों में खनन गतिविधियां शुरू करने की अनुमति दे दी।

समिति ने इस इलाकें में खदानों की ए, बी और सी श्रेणियां बनायी थी। सबसे कम या नगणय अनियमित्ताओं वाली खदानों को ‘ए’ श्रेणी में रखा गया था जबकि सबसे अधिक अनियमितता करने वाली खदानों को ‘सी’ श्रेणी में रखा गया था।

न्यायमूर्ति आफताब आलम, न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की खंडपीठ ने कर्नाटक में खनन के मसले पर जुलाई 2011 से समिति की अधिकांश सिफारिशें स्वीकार करते हुये कहा कि आंध्र प्रदेश-कर्नाटक सीमा पर लौह अयस्क के गैरकानूनी खनन दोनों राज्यों के बीच सीमा का निर्धारण पूरा होने तक निलंबित रहेगा। न्यायालय ने गैर सरकारी संगठन समाज परिवर्तन समुदाय की याचिका पर यह आदेश दिया। इस संगठन का आरोप था कि बेल्लारी, तुमकुर और चित्रांगदा जिलों में खनन की लाइसेंस धारक निजी कंपनियों के साथ साथ ही सरकारी स्वामित्व वाली मैसूर माइनिंग लि. भी बड़े पैमाने पर अनियमितताएं और अवैधत काम कर रही हैं।

शीर्ष अदालत ने तीन सितंबर, 2012 को कर्नाटक में खनन कार्य पर लगी रोक आंशिक रूप में हटाते हुये ‘ए’ श्रेणी के 18 पट्टाधारकों को कुछ शर्ते पूरी करने पर लौह अयस्क के खनन के लिये हरी झंडी दे दी थी।

न्यायालय ने इस संबंध में समिति की सिफारिशें स्वीकार कर ली थीं। समिति ने इन तीन जिलों में 18 कंपनियों को कारोबार करने की अनुमति देने की सिफारिश की थी। (एजेंसी)

First Published: Thursday, April 18, 2013, 12:36

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