सेंसेक्स 202 अंक टूटकर सप्ताह के निम्नतम स्तर पर

सेंसेक्स 202 अंक टूटकर सप्ताह के निम्नतम स्तर पर

सेंसेक्स 202 अंक टूटकर सप्ताह के निम्नतम स्तर परमुंबई : वैश्विक स्तर पर कमजोर रूख के बीच देश में ब्याज दरों में कटौती की संभावना धूमिल पड़ने तथा आर्थिक वृद्धि संबंधी चिंतायें बढ़ने से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज 202.37 अंक लुढ़ककर एक सप्ताह के निम्न स्तर 19,362.55 अंक पर बंद हुआ।

बाजार में ब्याज दरों की घटबढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों जैसे बैंक, वाहन तथा टिकाउ उपभोक्ता सामान बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में बिकवाली का जोर रहा जिससे गिरावट दर्ज की गयी। इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी, सार्वजनिक उपक्रम तथा रिफाइनरी कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट आयी। 13 क्षेत्रवार सूचकांकों में से 12 नुकसान में रहे।

तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स कमजोर खुला और इसमें पूरे दिन गिरावट का रूख रहा। अंत में यह 202.37 अंक या 1.03 प्रतिशत की गिरावट के साथ एक सप्ताह के निम्न स्तर 19,362.55 अंक पर बंद हुआ। इस महीने यह सबसे अधिक गिरावट है। कुल मिलाकर पिछले तीन सत्रों में सेंसेक्स 320.37 अंक की गिरावट में आ चुका है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 62.90 अंक या 1.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ एक सप्ताह के निम्न स्तर 5,851.20 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल 30 शेयरों में से 22 नुकसान में जबकि छह लाभ में रहे। स्टरलाइट इंडस्ट्रीज तथा टाटा पावर के मूल्य कल के स्तर पर रहे।

क्षेत्रवार सूचकांकों में सर्वाधिक नुकसान बैंकिंग सूचकांक को हुआ। यह 2.18 प्रतिशत गिरकर 13,515.54 रहा। ब्याज दर की चिंता में एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई तथा एचडीएफसी के शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी। कारोबारियों के अनुसार थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़ें कल जारी होने से पहले निवेशकों ने सतर्क रूख अपनाया।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक बेहतर रहने तथा खुदरा मुद्रास्फीति में वृद्धि से रिजर्व बैंक द्वारा प्रमुख नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम हुई है। रिजर्व बैंक 19 मार्च को मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा करने वाला है।

बोनांजा पोर्टफोलियो लि. के वरिष्ठ शोध विश्लेषक निधि सारस्वत ने कहा, ‘‘कल मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी होने और बाजार में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। वैश्विक कारकों का भी सूचकांकों पर असर है।’’ वृद्धि संबंधी चिंताओं से भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। मोर्गन स्टेनले ने भी घरेलू और वैश्विक स्तर पर चुनौतियों का हवाला देते हुए 2013-14 में देश की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर का अनुमान 6.2 प्रतिशत से कम कर 6.0 प्रतिशत कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार एचएसबीसी ने भी आर्थिक वृद्धि का अपना अनुमान घटाया है।

कारोबारियों के अनुसार एशियाई क्षेत्र में नरम रूख तथा यूरो क्षेत्र में उत्पादन के आंकड़ों की घोषणा से पहले यूरोप में कमजोर शुरूआत से भी कारोबारी धारणा पर असर पड़ा। हालांकि, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि घरेलू अर्थव्यवस्था को फिर से दो-तीन साल में मजबूत वृद्धि के रास्ते पर लौटाने के लिये सरकार ने कई कदम उठाये हैं। प्रश्न काल के दौरान पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए उन्होंने स्वीकार किया कि अर्थव्यवस्था में नरमी है जो जीडीपी के आंकड़ों में प्रतिबिंबित होता है।

घरेलू बाजार में जिन प्रमुख कंपनियों के शेयरों में गिरावट आयी, उसमें हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (3.67 प्रतिशत), आईसीआईसीआई बैंक (3.25 प्रतिशत), बजाज आटो (3.16 प्रतिशत), मारुति सुजुकी (3.07 प्रतिशत), जिंदल स्टील (2.84 प्रतिशत), ओएनजीसी (2.52 प्रतिशत), भेल (1.99 प्रतिशत), इंफोसिस (1.89 प्रतिशत), एचडीएफसी (1.77 प्रतिशत), गेल इंडिया (1.78 प्रतिशत), एचडीएफसी बैंक (1.20 प्रतिशत), टाटा मोटर्स (1.15 प्रतिशत), सिप्ला (1.07 प्रतिशत), टाटा स्टील (1.07 प्रतिशत) तथा स्टेट बैंक (एक प्रतिशत) शामिल है। बहरहाल, सन फार्मा 1.25 प्रतिशत तथा आईटीसी में 0.89 प्रतिशत की तेजी रही। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, March 13, 2013, 16:57

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