सेबी ने एंजल निवेशकों के लिए नियम अधिसूचित किए

सेबी ने एंजल निवेशकों के लिए नियम अधिसूचित किए

मुंबई : देश में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के वास्ते शुरुआती स्तर पर पूंजी लगाने वाले एंजल कोष निवेशकों के लिये बाजार नियामक सेबी ने आज नये नियम अधिसूचित किये हैं। एंजल कोष निवेशक से तात्पर्य ऐसे निवेशक से है जो कंपनियों को कारोबार शुरू करते समय धनराशि उपलब्ध कराते है। इस संबंध में जारी एक अधिसूचना में कहा गया है ‘एंजल निवेशकों को वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) के तौर पर पंजीकृत होने की अनुमति दी गई है। रीएल एस्टेट, निजी इक्विटी और जोखिम कोषों में सामूहिक तौर पर निवेश करने वालों के लिये यह निवेशकों की नई श्रेणी बनाई गई है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एंजल निवेशकों के निवेश को बेहतर बनाने के उद्देश्य से इस प्रकार के कोषों द्वारा किया जाने वाला निवेश 50 लाख रुपये से लेकर पांच करोड़ रपये के दायरे में सीमित कर दिया है। एंजल कोष केवल उन्हीं कंपनियों में निवेश कर सकेंगे जो भारत में बनीं हैं। यह धन किसी कंपनी में कम से कम तीन वर्ष के निवेश होना चाहिये और ऐसी कंपनियों में भी एंजल कोष से निवेश हो सकता है जो कि तीन से साल से ज्यादा पुरानी नहीं हों।

जिस कंपनी में निवेश किया जा रहा है वह असूचीबद्ध होनी चाहिये और उसका अधिकतम कारोबार 25 करोड़ रपये से अधिक नहीं होना चाहिये। ऐसी कंपनी ऐसी किसी समूह से संबद्ध नहीं होनी चाहिये जिसका कारोबार 300 करोड़ रुपये से अधिक हो। एंजल कोष के पास कम से कम 10 करोड़ रुपये का कोष होना चाहिये और इसमें निवेशक द्वारा किया जाने वाला निवेश 25 लाख रुपये से कम नहीं होना चाहिए।

सेबी ने कहा है, एंजल कोष के प्रबंधक अथवा प्रायोजक की कोष में हिस्सेदारी कोष के ढाई प्रतिशत या फिर 50 लाख रपये इनमें जो भी कम हो उससे कम नहीं होनी चाहिये। नियामक ने यह भी कहा है कि कोष जिस कंपनी में निवेश कर रहा है उसके साथ उसका कोई पारिवारिक रिश्ता नहीं होना चाहिये और किसी भी एंजल कोष योजना मं 49 से ज्यादा निवेशक नहीं होने चाहिये।

सेबी ने कहा है कि नये नियमों से उद्यमियों को कोई भी कारोबार अथवा कंपनी शुरू करने को प्रोत्साहन मिलेगा। आमतौर पर कंपनियां शुरू करने के लिये परंपरागत स्रोतों जैसे बैंकों, वित्तीय संस्थानों से धन मिलने में परेशानी होती है। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने इस साल के बजट भाषण में इसकी घोषणा करते हुये कहा था कि सेबी एंजल निवेशकों के समूह के लिये दिशानिर्देश जारी करेगा। ऐसे निवेशकों को एआईएफ उद्यम पूंजी कोषों के तौर पर पंजीकृत किया जा सकेगा।

किसी व्यक्तिगत निवेशक द्वारा पूंजी जुटाने के मामले में सेबी ने कहा ऐसे व्यक्ति के पास 10 साल का अनुभव होना चाहिये और कम से कम 2 करोड़ रपये की संपत्ति होनी चाहिये। यदि कोई निवेशक कंपनी है तो उसकी नेटवर्थ या तो 10 करोड़ होनी चाहिये अथवा उद्यम पूंजी कोष के तौर पर पंजीकृत होनी चाहिये। (एजेंसी)

First Published: Monday, September 16, 2013, 22:17

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