Last Updated: Tuesday, January 15, 2013, 21:49
नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ आयकर अधिकारी को आज वित्त मंत्रालय से हटा दिया गया। अधिकारी पर करोड़ों रुपये की रिश्वत लेने के आरोप हैं।
केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 500 करोड़ रुपये के स्टॉकगुरु घोटाले के मास्टरमांइड द्वारा दोषारोपण के बाद इस अधिकारी के घर और दफ्तर पर छापे मारे। सीबीआई छापों के बाद अधिकारी को वित्त मंत्रालय से हटा दिया गया।
आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि वित्त मंत्रालय में केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) कर योजना और विधायी विभाग में विशेष कार्याधिकारी के तौर पर तैनात वर्ष 2006 बैच के भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी आयकर उपायुक्त योगेन्द्र मित्तल को हटाकर अब मुख्य आयकर आयुक्त, दिल्ली कार्यालय में विशेषकार्याधिकारी बना दिया गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा ‘‘उसके खिलाफ मुख्य आयुक्त रैंक के अधिकारी द्वारा विभागीय जांच की जायेगी और यह रिपोर्ट सीबीडीटी को जल्द ही सौंप दी जायेगी। बाद में उसे निलंबित भी किया जा सकता है।’’ इस बीच सीबीआई ने स्टॉकगुरु के प्रवर्तक उल्हास खरे को अपनी हिरासत में ले लिया है और वह खरे का मित्तल से आमना सामना कराने की योजना बना रही है। उल्हास खरे इस समय विचाराधीन कैदी के तौर पर तिहाड़ जेल में है। दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप लगाये हैं।
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि मित्तल से यहां एजेंसी के मुख्यालय में पूछताछ की गई। इस दौरान उसने खरे से किसी तरह की रिश्वत लिये जाने से इनकार किया। सीबीआई ने खरे के आरोपों के बाद ही मित्तल के घर, दफतर पर छापे मारे। खरे ने मित्तल पर उसके रेवाड़ी आवास से 40 करोड़ रुपये ले जाने और उसकी (खरे) की कंपनी के खिलाफ मामले को रफदफा करने के लिये 15 करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया है।
बहरहाल, सीबीआई को जांच पड़ताल के दौरान केवल दो करोड़ रुपये की चल अचल संपत्ति से जुड़े दस्तावेज मिले हैं और इसके बारे में आयकर अधिकारी (मित्तल) ने पूरा ब्यौरा उन्हें दिया है।
सीबीआई ने कहा है कि वह जल्द ही मित्तल के सगे संबंधियों के बैंक खातों और संपत्तियों का ब्यौरा भी मांगेगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं उनके नाम पर तो संपत्ति नहीं खरीदी गई।
मित्तल के खिलाफ सीबीआई ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया है। आरोप है कि मित्तल ने स्टॉकगुरु कंपनी के खिलाफ जनवरी 2011 में अवैध धन पाने की मंशा से जांच शुरु की थी।
स्टॉक गुरु घोटाले के कर्ताधर्ता (खरे और उसकी पत्नी रक्षा) को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी आयकर अधिकारियों की 22 महीने की गहन छानबीन के बाद हो सकी।
खरे और उनकी पत्नी को सात राज्यों के करीब दो लाख निवेशकों को 493 करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इन्होंने निवेशकों को स्टॉकगुरु फर्म के जरिये निवेश करने में उंची आय का वादा किया था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 15, 2013, 21:22