Last Updated: Monday, August 19, 2013, 19:32
नई दिल्ली : नानजिंग एशियाई युवा खेलों से अधिक उम्र के भारत के 18 एथलीटों को बाहर किए जाने की शर्मनाक घटना के बाद भारतीय खेल प्राधिकरण ने खिलाड़ियों की विमान यात्रा पर खर्च किया गया पैसा भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) से वसूलने का फैसला किया है।
इस शर्मनाक घटना के लिए एएफआई को जिम्मेदार ठहराते हुए साइ के महानिदेशक जिजि थामसन ने कहा कि सरकार ने डिस्क्वालीफाई होने के बाद चीन से स्वदेश लौट रहे एथलीटों की विमान यात्रा पर लगभग 10 लाख रुपये खर्च किए।
केवल अंडर 17 एथलीट प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकते थे जिनका जन्म जनवरी 1997 या इसके बाद हुआ हो। एएफआई ने हालांकि अपनी 27 सदस्यीय ट्रैक एंड फील्ड टीम में 18 ऐसे खिलाड़ियों को चुना जिनका जन्म 1996 में हुआ था।
थामसन ने कहा, यह बेहद शर्मनाक स्थिति है। इस घटना से हम बेहद निराश हैं। निश्चित तौर पर हम एएफआई से स्पष्टीकरण मांगेंगे और विमान यात्रा पर हुआ खर्चा वसूलेंगे जो लगभग 10 लाख रूपये है। हम यह पैसा एएफआई से वसूलने वाले हैं। उन्होंने कहा, हमें उनसे पूछना होगा कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया। हमारे एथलीटों को मिलने वाला मौका हाथ से निकल गया।
एएफआई ने दावा किया था कि उसने अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघों के संघ (आईएएएफ) के नियमों का पालन किया जिसके मुताबिक 1996 में जन्में खिलाड़ी पात्र थे। लेकिन वे भूल गए कि खेलों का आयोजन अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के नियमों के तहत किया जा रहा है। थामसन ने कहा कि यह पूरी तरह से महासंघ का काम है कि वह टीम चुनते समय एथलीटों की पात्रता की जांच करे और साइ का काम खिलाड़ियों की यात्रा का इंतजाम करना है।
भारतीय ओलंपिक संघ के कार्यवाहक अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा ने कहा कि उन्होंने एएफआई से स्पष्टीकरण मांगा है कि आखिर क्यों यह गफलत हुई। उन्होंने कहा, मैंने एएफआई से स्पष्ट करने को कहा है कि आखिर कैसे यह घटना हुई। इसे देश को शर्मसार होना पड़ा है। इससे पहले चार भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों को नानजिंग से खेलों में हिस्सा लिए बगैर वापस लौटना पड़ा था क्योंकि भारतीय बैडमिंटन महासंघ ने उनके नाम उनकी स्पर्धाओं के लिए नहीं भेजे थे। इस मुद्दे पर थामसन ने कहा, बाई ने अपनी प्रतिष्टियां देर से भेजी जिसके कारण खिलाड़ी खेलों में हिस्सा लेने के मौके से चूक गए। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 19, 2013, 19:32