गलतियों से सीखने की जरूरत: नोब्स - Zee News हिंदी

गलतियों से सीखने की जरूरत: नोब्स

जोहान्सबर्ग  : भारतीय हॉकी टीम के कोच माइकल नोब्स ने चैंपियन्स चैलेंज टूर्नामेंट में खिताबी हार और चैंपियन्स ट्राफी का टिकट हासिल करने का मौका चूकने पर निराशा व्यक्त की लेकिन साथ ही कहा कि इस टूर्नामेंट के कई सकारात्मक पहलू भी रहे जिनका टीम को आगे फायदा मिलेगा।


 

भारत फाइनल में एक समय 2-0 और फिर 3-1 से आगे चल रहा था लेकिन बेल्जियम ने आखिरी 15 मिनट में दनादन गोल दागकर 4-3 से जीत दर्ज की। नोब्स ने कहा कि बेहतर स्थिति में होने के बावजूद हारना अधिक कष्टकारी रहा। उन्होंने कहा, ‘‘मैच हमारे नियंत्रण में था लेकिन हमने अपनी गलती से इसे गंवा दिया। हम चैंपियन्स ट्राफी में जगह बनाने से केवल एक मैच दूर थे जिससे टीम का काफी आत्मविश्वास बढ़ा। यह बेहद निराशाजनक है कि एक समय 3-1 से आगे होने के बावजूद हम जीत नहीं पाये।’’

 

भारत ने 2001 में अपनी खिताबी जीत की पुनरावृत्ति करने की तरफ मजबूत कदम बढ़ाए थे। वी आर रघुनाथ, 23वें मिनट और संदीप सिंह, 39वें मिनट के गोल करके भारत को 2-0 से बढ़त दिलाई थी। इसके बाद शिवेंद्र सिंह, 53वें मिनट के गोल से भारत 3-1 से आगे हो गया। लेकिन बेल्जियम ने जोरदार वापसी की। जेरोम डेकेसर ने 45वें और 57वें मिनट में गोल किये जबकि गौटियर बोकार्ड ने 55वें मिनट में भारतीय रक्षापंक्ति को छकाकर गेंद गोल में डाली। फ्लोरेंट वान औबेल ने आखिरी मिनट में विजयी गोल दागा।

 

नोब्स ने कहा, ‘‘रघु को पीला कार्ड मिलना हमारे लिये काफी महंगा साबित हुआ। हमें इस तरह की परिस्थतियों में खेलना सीखना होगा और इस तरह की गलतियों से बचना होगा।’’ औबेल ने जब भारतीय रक्षकों की गलती का फायदा उठाया तब पूरी भारतीय टीम मैदान पर थी। नोब्स ने हालांकि कहा कि इस टूर्नामेंट में भारत के लिये कई सकारात्मक पहलू भी रहे। उन्होंने कहा, ‘‘इस टूर्नामेंट से हमें कई बातों का पता चला और हमें कई सीख मिली। हमें पता है कि ओलंपिक क्वालीफायर्स से पहले हमें किन विभाग में सुधार की जरूरत है। बेहतर यही होगा कि ओलंपिक क्वालीफायर्स से पहले हम अपनी गलतियों से सीखें।’ (एजेंसी)




 

First Published: Monday, December 5, 2011, 12:08

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