Last Updated: Saturday, January 26, 2013, 20:02

नई दिल्ली : पहलवान सुशील कुमार एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने लगातार व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीते हैं और वह पदम भूषण नहीं मिलने से निराश हैं जबकि उनके नाम की सिफारिश की गई थी।
सुशील के नाम की खेल मंत्रालय ने सिफारिश की थी लेकिन इस पुरस्कार के लिए उनके नाम पर विचार नहीं किया गया क्योंकि उन्हें 2011 में पदम श्री पुरस्कार मिल गया था।
नियमों के अनुसार एक ही व्यक्ति को दो पदम पुरस्कार दिए जाने के बीच कम से कम पांच साल का अंतर होना चाहिए। हालांकि इस प्रावधान में ‘विशेष उपलब्धि वाले मामलों’ में राहत दी जा सकती है जो सरकार के दायरे में आता है।
इस नियम के अंतर्गत सुशील पदम भूषण या पदम विभूषण के लिए 2016 के बाद ही योग्य हो सकते हैं।
उनतीस वर्षीय सुशील ने कहा कि अगर लगातार दो ओलंपिक पदक जीतने की उपलब्धि को मान्यता दी जाती तो अच्छा होता, लेकिन वह इंतजार करने को तैयार हैं।
सुशील ने कहा, ‘मैं निराश हूं क्योंकि इस तरह की मान्यता हमेशा आपको प्रेरित करती हैं लेकिन यह जिंदगी का हिस्सा है। आपको बुरा लगता है, लेकिन खिलाड़ी को इसके साथ ही आगे बढ़ना होता है।’
सुशील ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में फ्री स्टाइल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था और 2012 लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीतकर वह ओलंपिक में लगातार पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गये थे। उन्हें 2009 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, January 26, 2013, 20:02