Last Updated: Sunday, August 7, 2011, 11:02
राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के पूर्व अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी को 2007 में हटाने पर विचार किया गया था. प्रधानमंत्री को कलमाड़ी के खिलाफ मिले शिकायतों के मद्देनजर राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति को पुनर्गठित करने पर भी सोचा गया था, मगर ठोस प्रस्ताव के आभाव में कुछ नहीं किया जा सका.
सीएजी की रिपोर्ट पर टिप्पनी करते हुए खेल मंत्री अजय मकान ने ये जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कलमाड़ी के बारे में कुछ भी नहीं किया जा सकता था क्योंकि वह भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के द्वारा आयोजन समिति के अध्यक्ष चुने गये थे.
इसके अलावा राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) के साथ पूर्ववर्ती राजग सरकार द्वारा मेजबान शहर समझौता किये जाने के कारण संप्रग सरकार उससे बंधी हुई थी.
मकान ने सीएजी रिपोर्ट के उस आकलन से असहमति जताई है जिसमें कहा गया है कि कलमाड़ी को आयोजन समिति का अध्यक्ष बनाये जाने पर इस संस्था से सरकारी नियंत्रण हटकर उसकी जगह बाहरी तत्वों का नियंत्रण हो गया था.
माकन ने माना कि मणि शंकर अय्यर ने 23 अक्टूबर 2007 को प्रधानमंत्री कार्यालय और दो दिन बाद प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था।
खेल मंत्री ने कहा कि मणि शंकर अय्यर ने मंत्रियों के समूह में हिस्सा लिया, लेकिन प्रस्तावित सुधार खेल मंत्रालय के मंत्रियों के समूह के समक्ष ठोस सुझावों में कार्यान्वित नहीं हो पाए. इस प्रकार खेल मंत्री के सुझावों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, यह कहना ठीक नहीं है. खेल मंत्रालय से पुनर्गठन के लिये ठोस सुझावों के साथ आने के लिये कहा गया.
उन्होंने कहा कि इस बीच विभिन्न कारणों से आयोजन समिति के पुनर्गठन और खेल मंत्रालय के साथ उसके संबंध को जोड़ा नहीं जा सका.
माकन ने यह भी माना कि मणि शंकर अय्यर ने 23 अक्टूबर 2007 को प्रधानमंत्री कार्यालय और दो दिन बाद प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था. तत्कालीन खेल सचिव एसके अरोड़ा ने भी आयोजन समिति के मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा था.
उन्होंने कहा कि इन तीनों पत्रों में आयोजन समिति के कार्यकारी बोर्ड में सरकार की कम उपस्थिति, आयोजन समिति की प्रक्रिया में वित्तीय फिजूलखर्ची और अपर्याप्त आज्ञापालन पर चिंता जताई गई थी.
First Published: Monday, August 8, 2011, 09:57