एनडीए की सरकार यूपीए से बेहतर थी : प्रो. रामगोपाल

एनडीए की सरकार यूपीए से बेहतर थी : प्रो. रामगोपाल

एनडीए की सरकार यूपीए से बेहतर थी : प्रो. रामगोपालदेश के मौजूदा हालात और सियासी तकाजे को समाजवादी पार्टी की नजर से देखने और समझने के लिए सियासत की बात में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव से ज़ी न्यूज उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड के संपादक वासिंद्र मिश्र ने खास बातचीत की। पेश हैं इसके मुख्य अंश:-

वासिंद्र मिश्र- रामगोपाल जी, पिछले कुछ दिनों से संसद में जो दिखाई दे रहा है। सरकार के समर्थन को लेकर आपको क्या लग रहा है? देश की राजनीति किस दिशा में जा रही है ?

प्रो. रामगोपाल यादव- असल में देश की जो राजनीतिक स्थिति है, मौजूदा समय में उसमें बहुत जबरदस्त उथल-पुथल चल रहा है। सरकार को समर्थन दे रही एक पार्टी टीएमसी पहले ही जा चुकी है। दूसरी पार्टी ने आज समर्थन वापस लेने की धमकी दी है। हालांकि कहा ये भी है कि हम समर्थन वापस ले रहे हैं। लेकिन इसे मैं धमकी ही मान रहा हूं क्योंकि अगर उनकी बात को ये सरकार मान लेगी जिसकी संभावना है कि प्रस्ताव सरकार ले आए, पार्लियामेंट से पास कराए तो फिर आपने जो कहा है कि समर्थन वापस ले लेंगे, नहीं लेंगे। फिर भी जो सरकार तमाम बैसाखियों पर टिकी है, तो अस्थिर तो एक तरीके से रहती है और इसीलिए सरकार की जो कार्यशैली है वो जनता की मंशा के अनुकूल नहीं हो पा रही है।

वासिंद्र मिश्र- यूपीए और एनडीए में किस गठबंधन को बेहतर मानते हैं?

प्रो. रामगोपाल यादव- जो पहले एनडीए का गठबंधन था, उसके नेता अटल जी थे और उनका बड़ा व्यक्तित्व था और साथ में जो अन्य नेता जैसे नंबर दो पर आडवाणी, ये देश के सबसे बड़े नेताओं में से हैं। और अटल जी की लोकप्रियता और कार्य करने का तरीका इस सरकार से बेहतर था और इसलिए एनडीए की जो सरकार थी वो ज़्यादा बेहतर थी इस सरकार की तुलना में।

वासिंद्र मिश्र- आपको लगता है कि मौजूदा सरकार में पारदर्शिता की कमी है? उतनी डायनामिक नहीं है लीडरशिप?

प्रो. रामगोपाल यादव- जो पार्टियां समर्थन दे रही हैं। जिनके मंत्री हैं। पूरे देश में राज्यपालों की नियुक्ति की जाती है। तमाम बैकों में अन्य संस्थानों में डायरेक्टर्स नियुक्त होते हैं। किसी से भी नहीं पूछा जाता है। ना किसी की परवाह की जाती है। और बाहर से समर्थन देने वालों को कोई तवज्जो नहीं दी जाएगी। इसकी उम्मीद नहीं की जा सकती है। ये अंदर से जो समर्थन दे रहे हैं उन्हें नहीं पूछ रहे। जैसे हम लोग समर्थन दे रहे हैं और उनके मंत्रियों से गाली भी खा रहे हैं, तो ये एनडीए की सरकार में नहीं था। नेतृत्व में भी फर्क था अटल-मनमोहन का कोई मुकाबला नहीं।

वासिंद्र मिश्र- गवर्नेंस की बात करें तो यूपीए और एनडीए मे किसको बेहतर मानते है?

प्रो. रामगोपाल यादव- भले ही हम बीजेपी के खिलाफ है लेकिन मैं इसे ईमानदारी से स्वीकार करता हूं कि वो नेतृत्व इस नेतृत्व से बेहतर था। करप्शन के मामले दोनों सरकारों में है लेकिन जितने मामले इस सरकार में आए हैं, उसके लिए कॉर्डिनेशन कमेटी बननी चाहिए लेकिन इस सरकार में शामिल बड़े-बड़े नेताजी, शरद पवार जैसे नेता को भी तब पता चलता है जब फैसला हो जाता है। मैं यही कहना चाहूंगा कि जो मौजूदा सरकार है, सभी क्षेत्रों में अटल जी की सरकार बेहतर काम कर रही थी। उस सरकार पर एक बहुत बड़ा धब्बा था जब सरकार द्वारा स्पॉन्सर नरसंहार हुआ था गुजरात में जो सरकार द्वारा प्रायोजित था। उस वक्त दिल्ली की सरकार ने किसी तरह का एक्शन नहीं लिया। वो सरकार की सबसे बड़ी चूक थी।

वासिंद्र मिश्र- मौजूदा सरकार में कांग्रेस सबसे बड़ा घटक है सहयोगी भी उनसे नाराज हैं बाहर से समर्थन देने वाली एसपी और बीएसपी को भी भरोसे में नहीं लिया जाता है। लेकिन सरकार पर खतरा आते ही सांप्रदायिकता का हौव्वा खड़ा किया जाता है इसे कितना मुनासिब मानते हैं?

प्रो. रामगोपाल यादव- सांप्रदायिकता का चेहरा वो दिखाते नहीं है। सांप्रदायिकता का चेहरा हमने देखा है, बसपा ने बीजेपी से मिलकर सरकार बनाई है। बसपा की नेत्री तो मोदी के लिए चुनाव प्रचार करने भी गई हैं। तो उनकी बात मैं नहीं करूंगा, केवल समाजवादी पार्टी ऐसी पार्टी रही है जिसकी सीधी लड़ाई इन सांप्रदायिक ताकतों से है। चाहे 1989-90 में बाबरी मस्जिद बचाने का मामला हो जिसको लेकर हमारी सरकार भी चली गई। जनता में भी नाराज़गी बहुत हुई, हमने संविधान की जो शपथ ली थी उसकी रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट की रक्षा के लिए बाबरी मस्जिद को बचाया, हालांकि जनता नाराज़ थी पर हमें कभी इसका अफसोस नहीं रहेगा। क्योंकि हमने अपने कर्तव्य का पालन किया। जब सरकार में होते हैं, संविधान की शपथ लेते हैं तो उसका अनुपालन करना हमारा कर्तव्य है।


वासिंद्र मिश्र- जब एसपी को मालूम है कि सरकार ईमानदार नहीं है, बेनी ने मुलायम को अपशब्द कहे लेकिन माफी नहीं मांगी सरकार और कांग्रेस लगातार गलतियां कर रही है जबकि सांप्रदायिकता का विषय गौण हो गया है। अब विकास मुद्दा है तो एसपी क्यों समर्थन दे रही है?

प्रो. रामगोपाल यादव- राजनीतिक दलों की रणनीति होती है। इस देश में स्थिति आज ऐसी है कि चुनाव की स्थिति में जो दो बड़े दल हैं कांग्रेस और बीजेपी, ये दोनों कोई अपने बलबूते पर सरकार नहीं बना सकती है। समाजवादी पार्टी का लक्ष्य इन दोनों पार्टियों को अलग रखकर सरकार बनाने का है। उस वक्त का इंतजार करें। हम देख रहे हैं कि धीरे-धीरे ऐसी स्थिति बनती जा रही है। जिससे चुनाव के बाद इन दोनों दलों को हटाकर जो पार्टियां है उनकी संख्या 272 से ज्यादा होगी। और इस दृष्टि से हम जो ठीक समय होना चाहिए उसका इंतजार कर रहे हैं।

वासिंद्र मिश्र- मंडल कमीशन के लागू होने के बाद जैसा अलाईनमेंट हुआ था कुछ वैसा स्थितियां देख रहे हैं आप?

प्रो. रामगोपाल यादव- चुनाव के बाद पूर्व से लेकर पश्चिम तक उत्तर से लेकर दक्षिण तक जो क्षेत्रीय दल हैं अलग-अलग राज्यों में। उनकी अपनी हैसियत है। उनको कमजोर नहीं किया जा सकता है। ये सब दल देख चुके हैं कि बड़ी पार्टियां उनका प्रयोग करती है और उनके हिसाब से काम करने की कोशिश नहीं करती। इसलिए सारी ताकतें चुनाव के बाद एकजुट होगी इसका मुझे भरोसा है।

वासिंद्र मिश्र- आपको लगता है नीतीश कुमार, नवीन पटनायक, एम. करुणानिधि वगैरह आगे आएंगे नेताजी के समर्थन में?

प्रो. रामगोपाल यादव- अभी हम नेतृत्व की बात नहीं कर रहे है लेकिन ये सब एक साथ आ सकते हैं इसकी संभावना है।

वासिंद्र मिश्र- शरद पवार तारीफ करते हैं नेता जी की?

प्रो. रामगोपाल यादव- हिन्दुस्तान की राजनीति को शरद पवार बहुत अच्छे से समझते हैं। बल्कि और नेताओं से बेहतर और अनुभवी हैं। इस चुनाव में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।

वासिंद्र मिश्र- लेकिन लालू-नीतीश एक साथ कैसे आएंगे अन्य राज्यों में भी समस्या है इन क्षेत्रीय दलों को लेकर?

प्रो. रामगोपाल यादव- क्षेत्रीय स्तर पर 2 जगह ये स्थिति है एक यूपी में और एक बिहार में। यूपी में समाजवादी पार्टी और बीएसपी एक साथ नहीं रह सकती, बिहार में लालू और नीतीश एक साथ नहीं आ सकते इसमें जो बड़ी ताकतें हैं वो उभरेंगे एक साथ तो एक साथ आएंगे।

एनडीए की सरकार यूपीए से बेहतर थी : प्रो. रामगोपाल

वासिंद्र मिश्र- एसपी को जो शानदार कामयाबी मिली आप सबकी साख थी। एसपी ने लोगों को भरोसा दिया था कि गलती बर्दाश्त नहीं करेंगे लेकिन कई घटनाओं ने सरकार की साख पर बट्टा लगाया है?

प्रो. रामगोपाल यादव- सिस्टम को जब पूरी तरह से खराब कर दिया जाता है तो उसे सुधारने और ट्रैक पर लाने में समय लगता है। मायावती के शासनकाल में पूरी व्यवस्था को इतना खराब कर दिया गया, करप्शन को एक तरीके से बढ़ा दिया गया था। हम लोग कहते थे कि हम सरकार में आ गए इसको रास्ते पर कैसे लाएंगे, अखिलेश ने इमानदारी से जो वादे किए हैं उनको पूरा कर रहे हैं। क्योंकि जो घोषणापत्र होता है वो सबसे पवित्र चीज होती है किसी भी पार्टी के लिए। लेकिन एक काम जो हमारी सरकार नहीं कर पाई है वो काम है मीडिया मैनेजमेंट। आप कोई भी अखबार उठाकर देख लीजिए। तीसरे या चौथे पेज पर। दिल्ली की दर्जनों क्राइम की घटनाएं नज़र आ जाएंगी और रोज ऐसा होता है। इस तरह की अगर एक भी घटना यूपी में हो जाती है तो न्यूज चैनल और रीज़नल चैनल दो-तीन दिन तक उसी खबर को दिखाते रहते हैं। इससे जनता को लगता है कि क्राइम यूपी में ज़्यादा है।

पत्रकारों से मैंने कहा है कि गुण्डाराज कहना बंद कर दें तो सब कुछ साफ नज़र आने लगेगा। हमने किसानों का 50 हजार की कर्ज़माफी का वादा किया था और ये कहा था कि जमीन नहीं बिकने देंगे और हमने ये वादा पूरा भी किया है। हमने कहा था कि किसान को सिंचाई का पानी मुफ्त देंगे। चाहे ट्यूबवेल हो या नहर। हमने सारे वादे पूरे किए हैं। हमने कहा था कि बच्चों को कन्या विद्याधन देंगे, लैपटॉप देंगे, वो पूरा किया। हां इतनी बड़ी संख्या में कोई भी कंपनी लैपटॉप सप्लाई नहीं कर सकती। पहली खेप मिली और 10,000 लैपटॉप बांटे गए हैं। अब लैपटॉप आते जाएंगे और बंटते जाएंगे। वृद्धावस्था पेंशन, बुनकरों को लाभ, लैपटॉप, कन्या विद्याधन, बेरोजगारी भत्ता ये सभी वादे पूरे किए।

बिजली की बहुत बड़ी समस्या है। अभी 250 मेगावाट की 2 यूनिटें चालू हो गई हैं। ललितपुर में 1400 मेगावाट की यूनिट तैयार होने जा रही है। 2013 के अंत तक वो यूनिट काम करना शुरू कर देगी। 2700 यूनिट की परियोजनाओं में से 2 परियोजनाओं पर काम हो रहा है। हम अगले तीन साल में खास तौर पर बिजली के क्षेत्र में लगभग 5000 मेगावाट बिजली पैदा करेंगे। वो जब हो जाएगा तो ये सबसे बड़ी समस्या हल हो जाएगी। अभी हम खरीदकर बिजली दे रहे हैं। अभी तार खराब हैं, ट्रांसफार्मर खराब हैं उनको ही ठीककर बिजली जनता तक पहुंचाई जा सकती है। पुराने काम को दुरुस्त किया जा रहा है, तार बदले जा रहे हैं काम किया जा रहा है। गर्मी में बड़ा संकट सामने होगा, हमें माफी भी मांगनी पड़ सकती है, लेकिन आगे इस पर बड़े पैमाने पर सरकार की तैयारी है। किसानों को जो लाभ दिया जा सकता है। चाहे बीच की हो, चाहे खरीद की बात हो, पानी देने की बात हो अबकी बार देखें तो किसी भी बड़ी नहर, जिसकी 20 साल से सफाई नहीं हुई है। उसकी सफाई हुई है। गांव-गांव तक पानी पहुंचा है, पीडब्ल्यूडी में सड़क के निर्माण का काम इसलिए नहीं दिख रहा है अब 4 महीने में आपको दिखेगा, पैसा सेंगशन हो गया है। गवर्नमेंट में कोई काम सीधा नहीं होता है, इन तीन से चार महीनों में आप देखेंगे कि यूपी में बड़े पैमाने पर सड़कों का ठीक होने का काम होगा। 55 पुल अभी तक नए बन चुके हैं, नए पुलों का निर्माण जारी भी है हम पूरा जाल बिछाएंगे, गांव-गांव को जोड़ने का काम करेंगे, केन्द्र से भी मदद लेंगे। जयराम रमेश ने भी कहा है कि जब भतीजा ही वहां मुख्यमंत्री है तो हम कोई कमी नहीं आने देंगे। ये सब काम हो रहा है, केवल मीडिया की कृपा बनी रहे तो सब ठीक हो जाए। 1-2 घटनाओं से सरकार बदनाम हुई है। सरकार ने तेजी से फैसले लिए जो कोई नहीं कर सकता।

मायावती कभी किसी घटना स्थल पर नहीं गई, 4 आदमियों की हत्या हुई पर नहीं गई। अखिलेश हर जगह गए, मुख्यमंत्री ने लोगों की मदद की, कुंडा वाले मामले में तत्काल कार्रवाई की। पत्नी की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कराई। सीबीआई जांच के आदेश दिए। ऐसा किसी सीएम ने नहीं किया है। तत्काल कार्रवाई कभी नहीं हुई। अखिलेश ने मंत्री का नाम आने पर मंत्री को भी पद से हटाया।

वासिंद्र मिश्र- अब उम्मीद की जाए कि आने वाले लोकसभा चुनाव में जो दागी लोग हैं आप उनके विरोधी हैं?

प्रो. रामगोपाल यादव- समाजवादी पार्टी दागियों को लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं देगी।

First Published: Wednesday, March 20, 2013, 18:12

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