क्यूरियोसिटी मंगल की सतह पर पहली यात्रा को तैयार

क्यूरियोसिटी मंगल की सतह पर पहली यात्रा को तैयार

क्यूरियोसिटी मंगल की सतह पर पहली यात्रा को तैयारवाशिंगटन : नासा का ‘क्यूरियोसिटी’ रोवर अगले एक सप्ताह के भीतर ही मंगल के मौसम की खबरें दैनिक रूप से भेजना शुरू कर देगा। यह रोवर अब मंगल की सतह पर अपनी पहली यात्रा करने के लिए तैयार है।

अभी तक क्यूरियोसिटी अपने आसपास मंगल के मौसम और उसकी मिट्टी की जांच करता रहा है। इस रोवर का मौसम केंद्र इसके उतरने की जगह गेल क्रेटर में हवा का ताप व दाब, सतह का ताप और अन्य चीजों को हर घंटे जांचता रहता है। यह मौसम केंद्र स्पेन द्वारा मुहैया कराया गया है।

दो सप्ताह पुराने इस अभियान में जुटाई गई जानकारी के अनुसार, मंगल ग्रह पर एक दिन में वायु का तापमान शून्य से दो डिग्री नीचे से लेकर शून्य से 75 डिग्री सेल्सियस नीचे के बीच परिवर्तित होता रहता है। सतह का तापमान सूर्योदय से पहले और दोपहर के बीच और भी ज्यादा परिवर्तित होता है।

रोवर एनवायरमेंटल मॉनीटरिंग स्टेशन के मौसमी संसूचकों का अध्ययन करने वाले जेवियर गोमेज एलविरा कहते हैं, ‘अलग-अलग दिनों और मौसमों का अध्ययन करके हम इन बदलावों के बारे में सीख सकेंगे।’ हालांकि इस मॉनीटरिंग स्टेशन के दो वायु संसूचक आंकड़े उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं। इस बारे में क्यूरियोसिटी प्रोजेक्ट के उप वैज्ञानिक अश्विन वसवादा का कहना है, ‘संभव है कि जब रोवर मंगल की सतह पर उतरा हो तब पत्थरों से टकराने के कारण दो मॉनीटरिंग स्टेशनों में से किसी एक बोर्ड को नुकसान पहुंचा हो। रूस द्वारा उपलब्ध कराए गए एक यंत्र के जरिए मंगल की सतह के उपरी तीन फुट में मौजूद खनिजों में पानी की उपस्थिति जांची जा रही है। इस तकनीक का इस्तेमाल पृथ्वी पर तेल का पता लगाने के लिए तो किया जाता है लेकिन आजतक इसे किसी दूसरे ग्रह पर नहीं भेजा गया।

इस यंत्र के प्रमुख जांचकर्ता और मास्को के स्पेस रिसर्च इंस्टीट्यूट में कार्यरत इगोर मित्रोफेनोव ने बताया कि क्यूरियोसिटी ने मंगल की सतह पर न्यूट्रानों की बमबारी शुरू कर दी है। न्यूट्रानों के फैलने के तरीके से हम मंगल की मिट्टी में हाइड्रोजन की उपस्थिति का पता लगा सकते हैं। मंगल पर हाइड्रोजन की उपस्थिति पानी की मौजूदगी का एक संकेत है।

छह पहियों वाले इस रोवर ने मंगल पर पहली बार अपनी चारों ओर लगे पहियों को हिलाया डुलाया ताकि उन पहियों के संचालन की जांच की जा सके। यह क्रिया इस रोवर की मंगल पर पहली यात्रा की तैयारी थी। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, August 22, 2012, 15:09

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