Last Updated: Wednesday, October 17, 2012, 12:43

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली: जीवनदायिनी कहे जानेवाली और करोड़ों लोगों की आस्था का संगम गंगा नदी का पानी इस कदर गंदला गया है कि उससे कैंसर तक हो सकता है। यह दावा एक नए अध्ययन में किया गया है।
इस नए अध्ययन के मुताबिक गंगा नदी का पानी तेजी से गंदलाता (खराब) जा रहा है। स्टडी के मुताबिक गंगा नदी में जिस प्रकार के प्रदूषक पानी के साथ घुल-मिल रहे है उससे इसका पानी खराब होता चला जा रहा है जो कैंसर जैसे घातक रोगों का कारण साबित हो सकता है।
राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (NCRP) के मुताबिक गंगा नदी में भारी कण,जहरीले रसायणों को जिस प्रकार से फेंका जा रहा है उससे इसका पानी जहरीला होता जा रहा है। पानी को गंदलाने में यूपी,बिहार और पश्चिम बंगाल सबसे आगे है। इस प्रकार के प्रदूषण की वजह औद्योगिक इकाइयां होती है जो अपने इकाइयों की गंदगी को गंगा में बिना ट्रीटमेंट के बहा देती है।
चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के निदेशक जयदीप बिस्वास, जो राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के एक सहयोगी भी है, उनका कहना है कि अब गंगा के पानी में आर्सेनिक,फ्लोराइड क्लोराइड,और अन्य भारी धातु तेजी से घुल रहे हैं। इस वजह से गंगा नदी का पानी काफी खराब होता जा रहा है। बिस्वास ने बात जानकारी एक अंग्रेजी अखबार को कही।
10,000 लोगों पर हुए एक सर्वेक्षण के दौरान यह पाया गया कि 450 पुरुषों और 1,000 महिलाओं पित्ताशय की थैली में कैंसर के रोगियों लक्षण पाए गए। कुछ लोगों में कैंसर के अन्य रूपों के भी गुर्दे, घेघा,जिगर,मूत्राशय और त्वचा कैंसर के भी लक्षण पाए गए। बिस्वास ने कहा कि जो लोग गंगा में स्नान कर रहे हैं वह एक बड़ा खतरा मोल ले रहे हैं।
First Published: Wednesday, October 17, 2012, 10:35