Last Updated: Sunday, August 18, 2013, 19:43

चेन्नई : स्वदेश निर्मित उपरी क्रायोजेनिक इंजन से लैस भारत का जीएसएलवी डी-5 का प्रक्षेपण महत्वपूर्ण स्तर पर पहुंच गया जब इसके लिए 29 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई।
श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष स्थल से तीन वर्ष पहले इसके परीक्षण का प्रयास विफल रहा था जब यह संचार उपग्रह जीसैट-14 को ले जा रहा था।
राकेट के साथ 1982 किलोग्राम का उपग्रह भी है और इसे सोमवार शाम चार बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के सतीश धवन केंद्र के दूसरे प्रक्षेपण स्थल से प्रक्षेपित किया जायेगा।
भारत को पांच टन तक के पेलोड के प्रक्षेपण के संबंध में जीएसएलवी के लिए क्रायोजेनिक इंजन की जरूरत है। यह भविष्य के दूरसंचार और अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पीएसएलवी के जरिये भू स्थतिक कक्षा में 1.5 टल के पेलोड को पहुंचाया जा सकता है।
इसरो के अधिकारियों ने कहा, ‘प्रक्षेपण प्राधिकार बोर्ड की स्वीकृति के बाद सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर 29 घंटे की उलटी गिनती शुरू हो गई।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 18, 2013, 19:43