Last Updated: Monday, August 6, 2012, 11:31

वाशिंगटन : नासा का मिशन मार्स रोवर क्यूरियोसिटी सफलतापूर्वक मंगल ग्रह पर उतर गया है। मंगल पर उतरने के बाद मिशन से भेजे गए संकेत नासा को मिलने लगे हैं। मिशन की कामयाबी के बाद नासा में जश्न का माहौल है।
आकार में स्पोर्टस कार की तरह दिखने वाले यान की लैंडिंग स्काई क्रेन के जरिए हुई। इस मिशन में भारतीय मूल के वैज्ञानिक भी शामिल हैं। इस मिशन में ढाई अरब डॉलर की लागत आई है।
यह मिशन मंगल ग्रह की सतह के नजदीक पहुंचकर इस बात का पता लगाएगी कि क्या ब्रह्मांड में अकेले हैं या फिर अन्य किसी ग्रह पर भी जीवन है ।
मंगल ग्रह धरती का सबसे करीबी पड़ोसी है। वैज्ञानिकों ने वहां पानी होने के संकेत ढूंढ़े हैं जिससे इस बात की संभावना है कि वहां कभी किसी न किसी स्वरूप में जीवन रहा होगा। अब यह एक शुष्क स्थान है जहां अत्यधिक सर्दी होती है और धूल भरे तूफान आते रहते हैं ।
‘मार्स साइंस लैबोरैटरी’ यान और रोवर ‘क्यूरियोसिटी’ भारतीय समयानुसार 11 बजे मंगल पर उतरा। कल तक यान मंगल से 420,039 किलोमीटर दूर था।
इसके पहले नासा ने एक बयान में कहा, ‘क्यूरियोसिटी सही हाल में है और इसकी सभी प्रणालियां उम्मीद के अनुरूप काम कर रही हैं। ’परमाणु उर्जा संचालित रोवर ग्रह अन्वेषण के लिए बनाई गई अब तक की सबसे बड़ी यांत्रिक प्रणाली है।
मार्स साइंस लैबोरटरी ने लाल ग्रह के लिए अपनी यात्रा आठ महीने पहले शुरू की थी। इसे फ्लोरिडा तट से नवम्बर 2011 के अंत में रवाना किया गया था। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 6, 2012, 11:31