Last Updated: Thursday, April 12, 2012, 09:13
न्यूयॉर्क : अमेरिका की एक अदालत में मई की पहली तारीख से 1984 के सिक्ख विरोधी दंगों से सम्बद्ध मामले पर जिरह होगी, जबकि भारत की कांग्रेस पार्टी ने इन दंगों में कथित भूमिका के लिए उसका पक्ष सुने बिना निर्णय देने का विरोध किया है। अमेरिका की संघीय अदालत के न्यायाधीश राबर्ट डब्ल्यू स्वीट के सामने कांग्रेस की याचिका दायर करते हुए लॉ फर्म 'जोंस डे' ने कहा कि यह मामला अंतर्राष्ट्रीय कानून के महत्वपूर्ण मुद्दों से जुड़ा है और इसका निर्णय दोनों पक्षों को सुने बिना नहीं करना चाहिए।
याचिका में कहा गया कि नवम्बर 1984 के दंगे भारत में हुए थे और कांग्रेस द्वारा कथित तौर पर जो सम्पत्तियां नष्ट हुईं और जिन व्यक्तियों को नुकसान पहुंचा वे भारत में थे। न्यूयार्क के सिक्ख संगठन 'सिक्ख फॉर जस्टिस' (एसएफजे) द्वारा दायर याचिका के जवाब में यह दलील दी गई। फर्म ने कहा कि कांग्रेस के अपराध को सिद्ध करने वाले सबूत एवं दस्तावेज भारत में हैं और इस मामले का स्थानीय लोगों से कोई सम्बंध नहीं है।
कांग्रेस के अधिवक्ता थॉमस ई. लिंच ने दलील में कहा कि इस मामले की सुनवाई अमेरिकी अधिकार क्षेत्र के दायरे से बाहर है। एसएफजे ने सिक्खों के खिलाफ हमला करने, षडयंत्र रचने, उकसाने, लोगों को जमा करने एवं सहायता देने में कथित तौर पर शामिल होने के आरोपों का बचाव करने में विफल रहने पर कांग्रेस के खिलाफ निर्णय देने के लिए याचिका दायर की थी। इसी के जवाब में कांग्रेस ने यह याचिका दाखिल की है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, April 12, 2012, 14:43