अमेरिका ने हमले की ओर बढ़ाया कदम, यूएन विशेषज्ञों ने छोड़ा सीरिया

अमेरिका ने हमले की ओर बढ़ाया कदम, यूएन विशेषज्ञों ने छोड़ा सीरिया

अमेरिका ने हमले की ओर बढ़ाया कदम, यूएन विशेषज्ञों ने छोड़ा सीरियाकाहिरा : सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप की ओर एक और कदम बढ़ाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि ‘कम अवधि, सीमित हमले’ की योजना बन रही है जिसमें ‘सेना जमीन पर नहीं उतारी जाएगी’। दूसरी ओर युद्ध से जूझ रहे देश में रासायनिक हथियारों के कथित प्रयोग की जांच कर रहे संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ वहां से निकल आए हैं। ओबामा ने कहा कि वाशिंगटन ‘कम अवधि और सीमित कार्रवाई की संभावनाओं पर विचार कर रहा है’ और यहां ‘दीर्घावधिक अभियान’ नहीं चलेगा।

राष्ट्रपति ने कल संवाददाताओं से कहा, हम किसी विस्तृत प्रतिबद्धता पर विचार नहीं कर रहे। हम जमीन पर सेना उतारने की संभावनाओं पर भी विचार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अमेरिका क्या कार्रवाई करेगा इस संबंध में उन्होंने कोई निर्णय नहीं लिया है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका जो भी करे यह बड़ा अभियान नहीं होगा। सीरिया में हमले को आसन्न बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा, हमने सहयोगियों ने सलाह-मशविरा की है। हमने कांग्रेस से भी सलाह ली है। ओबामा की अध्यक्षता में हुई सिचुएशन रूम बैठक से निकलने के बाद विदेश मंत्री जॉन केरी ने इस बात की पुष्टि की कि सैन्य हस्तक्षेप के मामले में रूस के विरोध के कारण अमेरिका सीरिया पर हमले के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् से मंजूरी नहीं लेगा।

केरी ने कहा, चूंकि यह स्पष्ट है कि रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के माध्यम से किसी भी कार्रवाई में बाधा डालेगा इसलिए संयुक्त राष्ट्र विश्व को वैसी कार्रवाई को नहीं कहेगा जैसी की होनी चाहिए। सीरिया में रासायनिक हथियारों के कथित प्रयोग की जांच कर रहे संयुक्त राष्ट्र के हथियार निरीक्षक आज लेबनान रवाना हो गए। संभावना है कि वह अपनी जांच के संबंध में महासचिव बान की-मून को सूचित करेंगे।

अधिकारियों ने बताया कि बान ने कहा था कि वे जांच दल की रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में पेश करेंगे, लेकिन वह अंतिम रिपोर्ट आने तक इंतजार करना चाहते हैं। इस काम में करीब एक सप्ताह का समय लगेगा। अमेरिकी नेताओं ने संकेत दिया है कि उन्हें रासायनिक हथियारों के प्रयोग के संबंध में यथेष्ट प्रमाण मिले हैं और वह कार्रवाई करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। ओबामा ने कहा, मैंने पहले भी कहा है, और जो कहा वह सही था, कि दुनिया के समक्ष बाध्यता है कि वह रासायनिक हथियारों के प्रयोग के खिलाफ बने कायदों का पालन सुनिश्चित करे। सार्वजनिक किए गए अवर्गीकृत दस्तावेज के सारांश में कहा गया है कि 21 अगस्त को राष्ट्रपति बशर अल-असद सरकार की ओर से किए गए हमले में 426 बच्चों सहित 1,429 लोग मारे गए हैं और सीरिया सेना के रासायनिक हथियार शाखा के अधिकारी घटना के तीन दिन पहले वहां काम कर रहे थे।

सारांश में कहा गया है कि दमिश्क के वरिष्ठ अधिकारी की बातचीत इंटरसेप्ट की गई है जो ‘रासायनिक हथियारों के प्रयोग की पुष्टि’ करता है। इसकी प्रतिक्रिया में सीरिया की सरकारी संवाद समिति सना ने कहा है कि केरी ‘एक सप्ताह पहले आतंकवादियों द्वारा प्रकाशित पुरानी खबरों पर आधारित सामग्री’ का प्रयोग कर रहे हैं। सीरिया के करीबी सहयोगी रूस ने चेतावनी दी है कि ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् को दरकिनार कर की गई कोई भी एकतरफा सैन्य कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानून का प्रत्यक्ष उल्लंघन’ होगा।

रूस और चीन ने सीरिया पर लाए गए दो प्रस्तावों पर वीटो किया है। अमेरिका को बृहस्पतिवार को और एक तगड़ा झटका लगा जब सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप के संबंध में रखे गए प्रस्ताव को ब्रिटिश संसद ने नामंजूर कर दिया। मतदान में ब्रिटेन को किसी भी संभावित सैन्य गठजोड़ से बाहर रहने का फैसला सुनाया।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और ओबामा कल फोन पर बातचीत के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर सहयोग बनाने को सहमत हुए। ओबामा ने कैमरन ने कहा कि वह ब्रिटिश सरकार द्वारा उठाए गए कदम का ‘पूरा सम्मान’ करते हैं। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि वे गठबंधन की कोशिश करते रहेंगे और फ्रांस का कहना है कि वह अमेरिका के साथ मिलकर सीरिया के खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार है।

जर्मनी और कनाडा दोनों ने सीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई में शामिल होने से मना कर दिया है जबकि फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलोंद ने कहा कि ब्रिटेन का निर्णय उनकी सरकार के रूख को प्रभावित नहीं करेगा। फ्रांस और अमेरिका को किसी भी सैन्य कार्रवाई के लिए संसद से मंजूरी की आवश्यकता नहीं है। अमेरिका और फ्रांस की ओर से सीरिया पर हमले की पूरी तैयारी किए जाने की सूरत में सीरिया के करीबी सहयोगी रूस के राष्ट्रपति ने असद सरकार द्वारा रासायनिक हथियारों के प्रयोग के दावों को निराधार बताया है।

रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने आज औपचारिक तौर पर सीरिया सरकार द्वारा रासायनिक हथियारों के प्रयोग के दावों को खारिज करते हुए उसे ‘बकवास’ बताया और इस संबंध में सबूत की मांग की। रासायनिक हथियारों के प्रयोग के संबंध में व्लादिवोस्तोक में संवाददाताओं के सवाल के जवाब में पुतिन ने कहा, सीरिया सरकार की सेनाएं रक्षात्मक तरीका अपना रही हैं और उन्होंने विरोधियों को कई क्षेत्रों में घेर लिया है। ऐसी स्थिति में सैन्य हस्तक्षेप की मांग कर रहे लोगों को ‘ट्रम्प कार्ड’ देना पूरी तरह बकवास है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, August 31, 2013, 20:41

comments powered by Disqus