Last Updated: Monday, October 31, 2011, 08:20
न्यूयॉर्क: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर हक्कानी नेटवर्क को समर्थन देने का आरोप लगाने के बाद ओबामा प्रशासन अब अफगानिस्तान में युद्ध की समाप्ति के मकसद से ‘सुलह समझौता’ वार्ता शुरू करने में इस खुफिया एजेंसी की मदद पर भरोसा कर रहा है।
न्यूयार्क टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है ,‘ अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन की नयी अवधारणा ‘ संघर्ष, वार्ता और निर्माण’ हक्कानी नेटवर्क तथा तालिबान के खिलाफ अमेरिका के हवाई और जमीनी हमलों के साथ जारी रहेगी लेकिन इसमें उन्हें वार्ता की मेज तक लाने में पाक आईएसआई के सहयोग पर जोर दिया जाएगा।’
अखबार ने लिखा है कि काबुल में अमेरिकियों के खिलाफ बढ़ते हमलों के मद्देनजर एक विकल्प के रूप में यह नयी रणनीति उभर कर सामने आयी है । शनिवार को काबुल में हुए एक आत्मघाती हमले में कम से कम दस अमेरिकी मारे गए थे और इसमें हक्कानी नेटवर्क का हाथ होने का संदेह जताया जा रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है ,‘ सितंबर तक अफगानिस्तान से अंतिम 33 हजार अमेरिकियों को वापस बुलाए जाने से पूर्व आतंवादियों के साथ किसी सुलह समझौते के करार का यह अंतिम प्रयास है। इससे व्हाइट हाउस में यह उम्मीद बंधी है कि इससे पांच दिसंबर को होने वाली बहुराष्ट्रीय बैठक के लिए समय रहते समझौते का कोई प्रारूप बन सकता है। ’
लेकिन आईएसआई के भीतर कुछ तत्व हैं जिन्हें इस समझौता प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में बेहद कम संभावना नजर आ रही है क्योंकि उनका मानना है कि अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान में अपनी मौजूदगी कम किए जाने के बाद प्रभाव बनाए रखने के लिए उग्रवादियों के जरिए सही दांव खेला जा सकता है ।
ओबामा प्रशासन में भी नयी रणनीति को लेकर कुछ शंकाएं हैं क्योंकि पाकिस्तान ने खुद अपनी नयी रणनीति विकसित की है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, October 31, 2011, 13:50