Last Updated: Saturday, October 6, 2012, 21:32
संयुक्त राष्ट्र : भारत ने यह उल्लेख करते हुए कि आतंकवाद को किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता, संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से आतंकवादियों की पनाहगाहों और उनका समर्थन करने वाले नेटवर्क को नष्ट करने के प्रयासों का विस्तार करने का आह्वान किया है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि एवं आतंकवाद निरोधक समिति के अध्यक्ष हरदीप सिंह पुरी ने विशेष सेवाओं, सुरक्षा एजेंसियों और कानून प्रवर्तन संगठनों के प्रमुखों की ग्यारहवीं बैठक में कहा, ‘यह कहना एक स्वयंसिद्ध सत्य है कि आतंकवाद आज अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है, केवल इतना कहना नाकाफी है। आतंकवाद को किसी भी तरह उचित नहीं ठहराया जा सकता।’ पुरी ने कहा कि वैश्विक आतंकवाद से प्रभावी ढंग से लड़ने के लिए सदस्य देशों को राजनीतिक इच्छाशक्ति तथा व्यापक अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ‘हमें खतरे की बदलती प्रकृति के मुकाबले और आतंकवादियों की पनाहगाहों, उनके वित्तीय प्रवाह तथा उनका समर्थन करने वाले नेटवर्क को तबाह करने के लिए कानूनी तौर तरीकों का दायरा निरंतर विस्तृत करने की जरूरत है। हमें कट्टरपंथ से लड़ने के लिए भी शक्तिशाली तौर तरीकों की जरूरत है।’ पुरी ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद से लड़ने के लिए देशों द्वारा उठाए जाने वाले कदम अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत होना चाहिए, खासकर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार, शरणार्थियों और मानवता कानून के मामले में। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की संयोजन शक्ति को ‘बेमिसाल’ करार दिया जिसने आतंकवाद से लड़ाई और सदस्य देशों के क्षमता निर्माण में ‘प्रभावशाली’ भूमिका निभाई है।
पुरी ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र में हमारे प्रयास अब व्यापक सहयोग को मजबूत करने, सामंजस्य और आतंकवाद निरोधक प्रयासों में समन्वय पर ज्यादा केंद्रित हो रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई आतंकवाद निरोधक सहयोग मजबूत करने, अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय और उप क्षेत्रीय स्तर पर सूचना के आदान प्रदान में प्रगति किए जाने के साथ चलती है। आतंकवाद निरोधक समिति द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए पुरी ने कहा कि समिति ने पिछले साल एक दस्तावेज स्वीकार किया था, जो आतंकवाद निरोधक प्रयासों में देशों की क्षमता को मजबूत करने पर केंद्रित कार्य में रणनीतिक दिशा निर्देश उपलब्ध कराने में बड़ा कदम है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, October 6, 2012, 21:32