इजराइली संसद भंग, जनवरी में चुनाव

इजराइली संसद भंग, जनवरी में चुनाव

यरूशलम : इजराइल की संसद को भंग करने एवं 22 जनवरी को चुनाव कराने के लिए देर रात मतदान हुआ और इस प्रस्ताव को मंजूरी भी मिल गई। अधिकारियों ने बताया कि नेसेट भंग करने के फैसले को 100 मतों से मंजूरी मिली और इसके लिए 120 सदस्यीय संसद का सत्र बहुत देर तक चला।

पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की थी कि वह चुनाव चाहते हैं। देश में चुनाव अक्तूबर 2013 में होने वाले थे लेकिन किफायत संबंधी उपायों के साथ बजट को पारित करने में गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच जारी गतिरोध के चलते उन्होंने चुनाव पहले कराने की राय जाहिर की थी।

रायशुमारियों ने कहा गया कि लिकुड पार्टी के नेता नेतन्याहू और उनके गठबंधन के दक्षिणपंथी और मजहबी दलों के लिए क्षेत्रीय तनाव और विश्व आर्थिक संकट के बीच जीत आसान होगी।

सदन में बहस शुरू होने पर नेतन्याहू ने कहा, मैं 22 जनवरी 2013, मंगलवार को चुनाव कराने के लिए कह रहा हूं। उन्होंने कहा, 100 दिन से भी कम समय में इस्राइल के लोगों को तय करना होगा कि देश की स्थापना के समय से हमारे सामने मौजूद सुरक्षा चुनौतियों के बीच कौन उनका नेतृत्व करेगा। वह बताएंगे कि बीते 80 साल में सर्वाधिक भीषण आर्थिक संकट की चुनौती के बीच उनकी अगुआई कौन करेगा।

नेतन्याहू ने बार बार कहा कि देश के लिए परमाणु संपन्न ईरान सबसे बड़ा रणनीतिक खतरा है। दूसरी ओर इस्लामिक गणराज्य इस बात से इनकार करता है कि वह परमाणु हथियार चाहता है। उन्होंने नेसेट में कहा, जो भी ईरान की ओर से इस्राइल पर आसन्न इस खतरे को कम मानता है वह एक दिन भी इस्राइल की नेतृत्व करने के लायक नहीं है। नेतन्याहू ने कहा, आज हमारे पास ईरान, उसके उपग्रहों तथा क्षमताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की क्षमता है जो पहले नहीं थी। जल्द चुनाव कराने के फैसले के बाद नेसेट को तत्काल भंग कर दिया गया और आचार संहिता के लागू होने के साथ ही प्रचार की आधिकारिक शुरुआत हो गई। (एजेंसी)


First Published: Tuesday, October 16, 2012, 09:01

comments powered by Disqus