Last Updated: Thursday, September 6, 2012, 17:50
काबुल : अफगानी सुरक्षा बलों द्वारा नाटो सहयोगियों पर किए गए एक चौथाई हमलों के पीछे तालिबान है। एक सेना कमांडर ने ऐसा कहा है। इस तरह की बढ़ती घटनाएं अप्रत्याशित हैं। इनमें अफगानी बलों ने अपने नाटो सहयोगियों पर इस साल 30 से ज्यादा बार गोलीबारी की। इनमें कम से कम 45 विदेशी सैनिक मारे गए जिनमें अधिकतर अमेरिकी हैं।
अफगानिस्तान में नाटो के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना के संयुक्त कमान के प्रमुख अमेरिकी लेफ्टिनेंट जनरल जेम्स टेरी ने कहा कि इनमें 25 से 26 प्रतिशत हमले ‘विद्रोहियों से जुड़े’ हैं। अफगानिस्तान से वीडियो लिंक के द्वारा वाशिंगटन में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए टेरी ने कहा कि इनमें 10 प्रतिशत मामले ‘सीधे तौर पर’ विद्रोहियों से जुड़े हैं और 15 प्रतिशत हमले ‘विद्रोहियों के सहयोग’ से किए गए।
टेरी ने कहा, ‘दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसा पता चलता है कि जिन सैनिकों ने ये हमले किए वह इलाके से भाग गए। इसमें विद्रोही तंत्र उनकी मदद करता है। इसलिए कह सकते हैं कि इस तरह के 25 प्रतिशत हमलों में विद्रोही शामिल हैं।’ (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 6, 2012, 17:50