Last Updated: Friday, August 31, 2012, 08:37

तेहरान : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई और सीरिया के प्रधानमंत्री वाईल नादिर अल-हल्की के साथ द्विपक्षीय मुलाकातों में आपसी संबंधों, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।
यह बैठकें गुट निरपेक्ष देशों के 16वें सम्मेलन से इतर हुईं।
विदेश सचिव रंजन मथाई ने कहा कि मनमोहन सिंह और करजई की बैठक करीब आधे घंटे चली जिसमें दोनों ने द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति की समीक्षा की और दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने के महत्व के बारे में बातचीत की ।
मथाई ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि वह नवंबर में करजई की भारत यात्रा का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों पक्षों के बीच इस यात्रा की तारीख निर्धारित करने के बारे में चर्चा चल रही है।
मजबूत आर्थिक संबंधों पर बल देते हुए मथाई ने कहा कि दोनों देशों ने ‘अफगानिस्तान में भारत के निवेश के महत्व’ सहमति जताई।
उन्होंने कहा कि दोनों नेता किसी भी स्वरूप में उग्रवाद का विरोध करने पर भी राजी हो गए हैं।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बदलाव की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए करजई के प्रयासों के सफल होने की कामना की और आश्वासन दिया कि भारत अफगानिस्तान का मित्र रहा है और हस्तांतरण की इस अहम घड़ी में भी वह हमेशा अफगानिस्तान के साथ खड़ा रहेगा।
सीरिया के प्रधानमंत्री के साथ बैठक में मनमोहन सिंह को सीरिया की वर्तमान स्थिति और उसके नेतृत्व द्वारा सुधार प्रक्रिया शुरू करने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी दी गई ।
अल-हल्की ने लगातार जारी हिंसा के कारण सरकार के सामने आ रही मुश्किलों के बारे में भी बताया और कहा कि यह हिंसा बाहर से फैलाई जा रही है ।
इस मुद्दे पर भारत के रूख को दोहराते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत समावेशी राजनीतिक वार्ता प्रक्रिया के पक्ष में है जिसका नेतृत्व सीरिया को करना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत लखदर ब्राहिमि की कोशिशों का भी समर्थन किया। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 31, 2012, 08:37