Last Updated: Wednesday, October 3, 2012, 22:47

संयुक्त राष्ट्र : विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा ने जोर देकर कहा है कि गांधीवादी रास्ता दुनिया में विवाद मिटाने का वास्तविक विकल्प है। इसके साथ ही उन्होंने आशा जाहिर की है गांधी के सत्य और अहिंसा के मार्ग को हर कोई अपनाएगा।
संयुक्त राष्ट्र स्थित भारत के स्थायी मिशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के अवसर पर मंगलवार को आयोजित एक विशेष कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कृष्णा ने यह भी आशा जाहिर की कि संयुक्त राष्ट्र जैसे प्रमुख वैश्विक बहुपक्षीय मंच लगातार इसके मार्गदर्शक बने रहेंगे। `गांधीज आउटस्टैंडिंग लीडरशिप` के लेखक पी.ए. नाजरेथ ने अपने प्रमुख वक्तव्य में उस रूपांतरण का जिक्र किया, जिसने दक्षिण अफ्रीका में ब्रिटिश हुकूमत के साथ संघर्ष के दौरान हुए अनुभवों के बाद महात्मा गांधी को प्रेरणा दी। ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ यह सफल संघर्ष उन्होंने केवल सत्य के बल पर किया।
संयुक्त राष्ट्र के लिए गांधी के संदेश को याद करते हुए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों, खासतौर से पी-5, का आह्वान किया कि युद्ध और उसके भयानक छल व धोखे की ताकत में विश्वास करना छोड़ दें। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि हरदीप सिंह पुरी ने उपस्थित जनसमूह का स्वागत करते हुए गांधी के आदर्शो की बढ़ रही प्रासंगिकता को रेखांकित किया।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र में अपने सम्बोधन में कहा था, `यह समय गांधी के विचारों का अनुसरण करने का है : `असहिष्णुता अपने आप में हिंसा का एक रूप है और एक सच्ची लोकतांत्रिक भावना के विकास में एक रोड़ा है`।` (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 3, 2012, 22:47