Last Updated: Monday, December 5, 2011, 14:52
डरबन : भारत और यूरोपीय संघ के बीच टकराव की स्थिति दिख रही है। भारत ने कहा है कि भले ही 27 देशों का यूरोपीय संघ इस बात पर अड़ा है कि भारत का रुख उसे स्वीकार्य नहीं है, भारत कार्बन उत्सर्जन में कटौती पर स्वेच्छा से कटौती की प्रतिबद्धता पर ही टिका रहेगा।
डरबन में जलवायु वार्ता में हिस्सा लेने के लिए पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन के पहुंचने पर यूरोपीय संघ ने कहा कि उसने भारत को संधि तोड़ने वाला देश नहीं कहा है, बल्कि उसे उम्मीद है कि भारत कानूनी तौर पर बाध्यकारी संधि के तहत कार्बन उत्सर्जन में कटौती के कदम उठाएगा। वार्ता का यह दूसरा सप्ताह है जिसमें क्योटो प्रोटोकाल का भविष्य और 100 अरब डालर के हरित जलवायु कोष जैसे प्रमुख मुद्दे हल नहीं किए जा सके।
यूरोपीय संघ चाहता है कि सभी देश कानूनी तौर पर बाध्य संधि के दायरे में आएं जिसके तहत भारत जैसे अधिक उत्सर्जक देशों को कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने की संधि स्वीकार करने की जरूरत होगी। यूरोपीय संघ की आयुक्त कोनी हेडेगार्ड ने कहा कि हमने भारत को ऐसा कुछ नहीं कहा। हालांकि, हमें इस आश्वासन की जरूरत है कि अगर वे भविष्य की आधारशिला रखते हैं तो दूसरे लोग भी हमारा अनुसरण करेंगे. अभी नहीं तो जल्द ही लोग आगे आएंगे।
(एजेंसी)
First Published: Monday, December 5, 2011, 20:22