Last Updated: Saturday, March 30, 2013, 21:02
बीजिंग : तिब्बत के सोने की खान के इलाके में शुक्रवार को भीषण भूस्खलन में 83 लोगों के दबने के करीब 36 घंटे बाद बचावकर्मियों ने आज पहला शव निकाला। मलबे के भीतर किसी के जीवित होने के आसार वक्त गुजरने के साथ साथ कम होते जा रहे हैं।
सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ की खबर के अनुसार, सैकड़ों बचावकर्मियों ने 30 घंटे की खुदाई के बाद एक शव बाहर निकाला।
कल के इस भूस्खलन में क्षेत्रीय राजधानी ल्हासा की मैचोकंगर काउंटी खदान पूरी तरह ढह गई। इस भूस्खलन के मलबे में दबे लोगों में खदान में काम कर रहे तिब्बत हुआतेलोंग खनन विकास कंपनी लिमिटेड के मजदूर हैं ।
शिन्हुआ की खबर के अनुसार, बचावकर्मी अभी भी हाथ से ही खुदाई कर रहे हैं क्योंकि वहां की पतली और संकरी सड़कों के कारण भारी मशीनरी का वहां पहुंचना मुश्किल है।
खबर में कहा गया है कि बचावकर्मियों का मानना है कि मलबे में दबे लोगों के बचने की संभावनाएं बहुत क्षीण हैं। खोजी कुत्तों और कंपास से लैस टीमें जीवित बचे लोगों की तलाश कर रही हैं लेकिन खराब मौसम के कारण उनका काम प्रभावित हो रहा है।
जिस स्थान पर भूस्खलन हुआ है वह इलाका समुद्र तल से 4,600 मीटर की उंचाई पर स्थित है । वहां का तापमान शून्य से तीन डिग्री सेल्सियम कम होने के कारण खोजी कुत्तों की सूंघने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
खबर के अनुसार, बचावकर्मियों का कहना है कि आसपास के पहाड़ों में दरारें नजर आ रही हैं जिससे फिर भूस्खलन होने की आशंका है।
मौके पर मौजूद ‘स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ वर्क सेफ्टी’ के प्रमुख यांग दोंगलियांग ने कहा कि उन्होंने भूस्खलन का कारण जानने के लिए विशेषज्ञों का दल गठित किया है।
क्षेत्रीय सरकार के प्रवक्ता ने संवाददाता सममेलन में कहा कि मलबे में दबे खदान मजदूरों के पहचान की पुष्टि हो गई है और बचाव कार्य जारी है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, March 30, 2013, 21:02