Last Updated: Friday, January 13, 2012, 09:42
वाशिंगटन: संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार इकाई इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि फ्रांस ने परिचय पत्र की फोटो के लिए 76 वर्षीय एक सिख व्यक्ति से पगड़ी उतारने की बात कहकर उसकी धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन किया ।
अमेरिका स्थित सिख समूह युनाइटेड सिख ने रंजीत सिंह की ओर से संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद में दिसंबर 2008 में याचिका दायर की थी।
सिंह को उसके खराब स्वास्थ्य के बावजूद 2005 से ही सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का या अन्य कोई सामाजिक लाभ नहीं मिल रहा था क्योंकि पगड़ी उतारने से उनके इंकार पर उन्हें आवास कार्ड देने से इंकार कर दिया गया था ।
युनाइटेड सिख ने एक बयान में कहा कि यूएनएचआरसी ने कहा कि परिचय पत्र फोटाग्राफ के लिए पगड़ी उतारना केवल एक बार की जरूरत होने के बावजूद यह रंजीत सिंह की धार्मिक स्वतंत्रता में लगातार हस्तक्षेप होगा क्योंकि वह हमेशा परिचय पत्र में पगड़ी के बिना दिखेगा इसलिए पहचान की जांच के दौरान उसे हर बार पगड़ी उतारने के लिए बाध्य किया जाएगा ।
युनाइटेड सिख के अनुसार संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार इकाई ने कहा कि फ्रांस यह स्पष्ट करने में विफल रहा कि पगड़ी पहचान में किस तरह बाधक है क्योंकि व्यक्ति का चेहरा दिखता रहेगा और वह सभी मौकों पर पगड़ी पहने होगा । इसलिए कानून अंतरराष्ट्रीय दायित्व नागरिक एवं राजनीतिक अधिकार की धारा 18 का उल्लंघन है जो चार फरवरी 1981 को अस्तित्व में आया था ।
सिंह ने कहा ‘मुझे यकीन था कि न्याय मिलेगा । मैंने धर्य के साथ इस दिन का इंतजार किया । मैं प्रार्थना करता हूं कि फ्रांस अब अपना दायित्व निभाएगा और मुझे आवास कार्ड मुहैया कराएगा जिसमें मेरी फोटो पगड़ी सहित होगी ।’
(एजेंसी)
First Published: Friday, January 13, 2012, 15:14