फर्जी शिक्षा से सावधान: हिलेरी

फर्जी शिक्षा से सावधान: हिलेरी

वाशिंगटन: भारत और अमेरिका जहां कई नवप्रवर्तक उपायों से शिक्षा के क्षेत्र में अपने सहयोग को गहरा करना चाहते हैं वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने फर्जी शिक्षा को लेकर आगाह किया है।

हिलेरी ने भारत अमेरिका उच्च शिक्षा संवाद के उद्घाटन सत्र में कहा ‘मुझे लगता है कि यह प्रयास कैसे किए जाएं, इस बारे में हमें बहुत सोचविचार करना होगा क्योंकि दूरस्थ शिक्षा में और कंप्यूटर आधारित शिक्षा में कुछ फर्जी भी हो रहा है।’ उन्होंने कहा ‘सही और गलत में अंतर कैसे किया जाता है। हमारे पास किस तरह के मानक हों जिनसे हम सही दिशा में आगे बढ़ें और छात्रों का शोषण न हो,इन पर गहन विचार करना होगा।’ हिलेरी का इशारा अध्यापन सामग्री की ऑनलाइन उपलब्धता और दूरस्थ शिक्षा की ओर था।


दोनों देशों के शिक्षाविदों और अधिकारियों को संबोधित कर रहीं हिलेरी ने उम्मीद जताई कि वह हर किसी को विश्व की सबसे अच्छी अध्यापन सामग्री मुहैया कराने के तरीकों पर चर्चा करेंगे और यह बात कोई मायने नहीं रखेगी कि पढ़ने वाला कहां रहता है या उसके पास कितना धन है।

हिलेरी ने आधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने कहा ‘आज सब कुछ उपलब्ध है। नयी प्रौद्योगिकी ने दुनिया के निर्धनतम स्थानों में भी उच्च शिक्षा में क्रांति को संभव कर दिया है। ’ विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका शैक्षिक संसाधनों के सृजन पर करीब दो अरब डालर खर्च कर रहा है और भारत ने भी अपने दम पर खासी प्रगति की है।
उन्होंने कहा ‘अगर हमारे छात्र वैश्विक चुनौतियां हल करना चाहते हैं तो उन्हें पहले इन चुनौतियों को समझने की जरूरत होगी। अब, अमेरिकी संस्थान खास तौर पर अपने पाठ्यक्रम का विस्तार चाहते हैं और अपने छात्रों तथा शोधार्थियों को अधिक अवसर दे रहे हैं ताकि उन्हें अंतरराष्ट्रीय अनुभव मिल सके।’

हिलेरी ने कहा ‘दोनों देशों की सरकारों के सहयोग से हम फुलब्राइट नेहरू कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों और शोधार्थियों का व्यापक आदान प्रदान कर रहे हैं जैसा पहले नहीं हुआ। आज मुझे उम्मीद है कि आप खाद्य, जल सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, सतत उर्जा और जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के नए तरीके खोजेंगे। इन क्षेत्रों में नए विचारों की गुंजाइश है।’ (एजेंसी)

First Published: Wednesday, June 13, 2012, 10:31

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