फलस्तीनी क्षेत्र में इजरायल करेगा 3000 यहूदी घरों का निर्माण

फलस्तीनी क्षेत्र में इजरायल करेगा 3000 यहूदी घरों का निर्माण

यरूशलम : संयुक्त राष्ट्र महासभा में फलस्तीन के दर्जे को बढ़ाकर गैर-सदस्य पर्यवेक्षक राष्ट्र बनाने के प्रस्ताव पर हुई उसकी जीत से नाराज इजरायल ने फलस्तीनी क्षेत्रों में 3,000 अतिरिक्त यहूदी घरों का निर्माण करने की योजना का एलान किया है।

इन घरों का निर्माण विवादित इलाकों में भी करने की योजना है जो पश्चिमी तट को विभाजित कर देगा और शांति प्रयासों को बहुत नुकसान पहुंचाएगा।

इजरायल के कट्टरपंथी प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने अपने आंतरिक मंत्रिमंडल के साथ सलाह के बाद पूर्वी यरूशलम और पश्चिमी तट पर 3,000 नए भवनों के निर्माण का आदेश दिया है। इसे ई1 नामक क्षेत्र में बनाया जाना है जो यरूशलम को मालेह अदुमि से जोड़ता है।

अगर यह परियोजना पूरी हो जाती है तो उत्तरी और दक्षिणी पश्चिमी तट के बीच सीमा संपर्क टूट जाएगा और भविष्य में फलस्तीनी राष्ट्र के लिए अड़चनें आएंगी।

फलस्तीनी वार्ताकार साएब एरकत ने इजरायल की घोषणा की आलोचना की। गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में हुए एक ऐतिहासिक मतदान में फलस्तीन ने जबर्दस्त जीत दर्ज की, जिससे विश्व निकाय में इसका दर्जा बढ़कर गैर सदस्यीय पर्यवेक्षक का हो गया।

भारत समर्थित इस प्रस्ताव के पक्ष में 138 देशों ने मतदान किया। 193 सदस्यीय महासभा में अब फलस्तीन का दर्जा बढ़कर गैर-सदस्य पर्यवेक्षक राष्ट्र का हो जाएगा।

यह अमेरिका और इजरायल के लिए बड़ा राजनयिक झटका है जिन्होंने फलस्तीन के प्रयास का कड़ा विरोध किया था। अमेरिका, इजरायल, कनाडा और क्रेच रिपब्लिक सहित नौ देशों ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया, जबकि ब्रिटेन समेत 41 देश अनुपस्थित रहे। ब्रिटेन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह मतदान में भाग नहीं लेगा।

अमेरिका फलस्तीन के प्रस्ताव को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और विकासविरोधी’ बता रहा है जबकि इजरायल ने कहा कि फलस्तीन केवल वार्ता के माध्यम से ही राष्ट्र का दर्जा प्राप्त कर सकता है।

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थाई प्रतिनिधि सुसन राइस ने कहा था,‘आज दुर्भाग्यपूर्ण और प्रतिकूल प्रस्ताव पेश किया गया जिससे शांति की राह में और बाधा आ गई है।’उन्होंने कहा,‘यह प्रस्ताव फलस्तीनी राष्ट्र की स्थापना नहीं करता है।’(एजेंसी)

First Published: Saturday, December 1, 2012, 18:13

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