Last Updated: Tuesday, June 11, 2013, 15:28

वाशिंगटन : अमेरिका के शीर्ष अधिकारियों ने ओबामा प्रशासन के विवादास्पद खुफिया निगरानी कार्यक्रम का यह कहते हुए बचाव किया है कि इस प्रकार के प्रयासों से कई आतंकवादी हमलों को नाकाम करने और डेविड हेडली जैसे आतंकवादियों को पकड़ने में मदद मिली जो 26/11 के मुंबई हमलों का दोषी है।
नेशनल इंटेलीजेंस के निदेशक जेम्स क्लैपर ने एनएसएनबीसी को बताया, दूसरा उदाहरण, भारत में मुंबई विस्फोटों को अंजाम देने वालों में शामिल डेविड हेडली का है। हमने इसी प्रकार की सूचना के आधार पर डेनमार्क के एक समाचारपत्र के खिलाफ साजिश को विफल किया। पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी 51 वर्षीय हेडली को अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने अक्तूबर 2009 में लश्कर ए तय्यबा आतंकवादी संगठन के लिए मुंबई हमले के लक्ष्यों की टोह लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसने अपना हाथ होने की बात स्वीकार कर ली थी और अमेरिकी प्रशासन के साथ वह एक सौदा करने में सफल रहा जिसके तहत उसे मौत की सजा से छूट मिल गयी।
क्लैपर अमेरिकियों के फोन रिकार्ड तथा विदेशी नागरिकों के ईमेल पर निगरानी रखने के लिए खुफिया सरकारी कार्यक्रम के खुलासे को लेकर किए गए सवालों का जवाब दे रहे थे। उनका तर्क था कि इससे वास्तव में आतंकवादी साजिशों को नाकाम करने में मदद मिली।
शीर्ष खुफिया अधिकारी ने कहा, यह केवल उस गंभीर बहस का प्रतीक मात्र है जो देश में सुरक्षा और नागरिक स्वतंत्रता तथा निजता के दो ध्रुवों को लेकर चल रही है । हमारे लिए इन दोनों ध्रुवों के बीच चलने की चुनौती है । यह कोई संतुलन नहीं है । लेकिन यह संतुलन करना पड़ेगा ताकि हम देश की रक्षा कर सकें और नागरिक स्वतंत्रता तथा निजता की भी रक्षा कर सकें।
व्हाइट हाउस ने भी कार्यक्रम के बचाव में कहा है कि विदेशी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए यह महत्वपूर्ण है । व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्ने ने कहा, यह एक कार्यक्रम के लिए पूरी तरह से उचित है कि वह विदेशी आंकड़ों और संभावित विदेशी आतंकवादियों पर नजर रखे। उन्होंने कहा, लेकिन एक पूरी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है । नेशनल इंटेलीजेंस के निदेशक ने जैसा कि स्पष्ट किया है और खुद राष्ट्रपति कांग्रेस, कार्यकारी और न्यायिक स्तर पर स्पष्ट कर चुके हैं कि इन कार्यक्रमों की समीक्षा की जाती है। कांग्रेस के सदस्यों को लगातार इसके बारे में सूचित किया जाता है और न्यायपालिका इस पर लगातार नजर रखती है और कार्यकारी शाखा भी निगरानी करती है। इससे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी मजबूती से इस कार्यक्रम का बचाव करते हुए कहा था कि इससे आतंकवादी हमलों को रोकने में मदद मिली है और यहां तक कि उन्होंने लोगों को आश्वासन भी दिया है कि कोई भी उनके फोन काल्स को सुन नहीं रहा है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 11, 2013, 14:26