Last Updated: Thursday, October 11, 2012, 16:49
संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र पहला ‘अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस’ मना रहा है जिसमें बाल विवाह को खत्म करने पर फोकस होगा और भारत, बांग्लादेश तथा सोमालिया जैसे देशों में लड़कियों की जिंदगी पर इस मानवाधिकार उल्लंघन के होने वाले प्रभाव पर प्रकाश डाला जाएगा।
यूनीसेफ के जेंडर एवं राइट्स सेक्शन की अंजू मल्होत्रा ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस विकास के केंद्र में लड़कियों के अधिकार को रखने की जरूरत को दर्शाता है।’ यूनीसेफ ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र और इसके सहयोगी दल अब तक हुई प्रगति और जारी चुनौतियों पर प्रकाश डालने के लिए एक साथ आ रहे हैं।’ यह दिवस ‘माई लाइफ, माई राइट एंड चाइल्ड मैरिज’ विषय पर केंद्रित होगा और कई आयोजनों के माध्यम से पूरी दुनिया में बाल विवाह के महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करना यूनीसेफ का उद्देश्य है।
यूनीसेफ ने कहा कि भारत दुनिया के उन देशों में है जहां बड़ी संख्या में लड़कियों की शादी 18 वर्ष की उम्र से पहले हो जाती है लेकिन यहां राष्ट्रीय स्तर पर बाल विवाह की दर में कमी आई है और वर्ष 1992-93 में 54 फीसदी से घटकर 2007-08 में यह लगभग सभी राज्यों में 43 फीसदी पर आ गई है। लेकिन बदलाव की दर धीमी है। यूनीसेफ के आंकलन के मुताबिक 20 से 24 वर्ष उम्र के बीच करीब सात करोड़ युवतियों की शादी 18 वर्ष से पहले हो जाती है और इनमें 2.3 करोड़ की शादी 15 वर्ष की उम्र से पहले ही हो जाती है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 11, 2012, 16:49