Last Updated: Saturday, March 16, 2013, 12:20

ब्रुसेल्स : भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दो नौसैनिकों के भारत वापस न भेजने के इटली के फैसले के बाद दोनों देश के बीच उपजे विवाद के संदर्भ में यूरोपीय संघ (ईयू) ने आशा जाहिर की है कि दोनों देश आपस में स्वीकार्य कोई समाधान ढूंढ़ लेंगे। ईयू की विदेश नीति प्रमुख कैथरीन एश्टन के एक प्रवक्ता ने कहा, "यूरोपीय संघ, भारत और इटली के बीच चल रही बातचीत पर गौर किए हुए है तथा आशा है कि बातचीत के जरिए आपस में स्वीकार्य समाधान ढूंढा जा सकता है।"
इटली के नौसैनिकों- मैसिमिलानो लाटोरे और सैलवाटोरे जिरोने- ने फरवरी 2012 में केरल तट से लगे अरब सागर में भारतीय मछुआरों की नौका पर गोलीबारी की थी, जिसमें दो मदुआरों की मौत हो गई थी। इटली के इन दोनों नौसैनिकों पर इसी मामले में यहां हत्या का मुकदमा चल रहा है।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर दोनों नौसैनिकों को आम चुनाव में मतदान के लिए स्वदेश जाने की अनुमति दी गई थी। मतदान के बाद दोनों को वापस भारत लौटना था। लेकिन इटली ने दोनों को भारत भेजने से इंकार कर दिया है। सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार को कहा था कि इटली के फैसले से नाराज भारत, इटली के साथ अपने कूटनीति सम्बंधों की समीक्षा कर रहा है।
भारत सरकार ने इटली के लिए नवनियुक्त राजदूत बसंत कुमार गुप्ता को रोम न जाने के निर्देश दिए हैं और इससे यह संकेत मिल रहा है कि दोनों देशों के बीच राजदूत स्तर का सम्बंध नहीं होगा। इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने इटली के राजूदत डेनियल मेनसिनी को नई दिल्ली छोड़ने पर भी रोक लगा दी है। मेनसिनी को लिखे पत्र में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि उन्होंने शपथबद्ध घोषणापत्र का उल्लंघन किया है, जिसे उन्होंने फरवरी में पेश किया था, जिसमें इटली के नौसैनिकों की वापसी का वादा किया गया था। (एजेंसी)
First Published: Saturday, March 16, 2013, 12:20