Last Updated: Friday, May 25, 2012, 10:04
काहिरा: मिस्र में राष्ट्रपति पद के ऐतिहासिक चुनावों के लिए दो दिन से चल रहा मतदान संपन्न हो गया और मतदान केंद्रों के रात नौ बजे बंद होने के तत्काल बाद मतगणना भी शुरू हो गई।
इन चुनावों में अगर किसी भी प्रत्याशी को बहुमत नहीं मिलेगा तो सर्वाधिक मत पाने वाले दो शीर्ष प्रत्याशियों के बीच अगले माह मतदान का दूसरा दौर हो सकता है।
अरब जगत के इस सर्वाधिक लोकप्रिय देश के नागरिकों के लिए इस बार चुनावों के नतीजों का इंतजार बिल्कुल अलग है क्योंकि यहां बरसों तक राष्ट्रपति पद के चुनावों में एक ही व्यक्ति विजेता रहा।
काहिरा के गीजा स्थित एक मतदान केंद्र में 37 वर्षीय मतदाता अहमद बदरेद्दीन ने कहा ‘‘क्रांति से पहले मैंने कभी मतदान नहीं किया था क्योंकि यह उपयोगी नहीं था। उसके बाद से हर चुनाव में मैंने मतदान किया है क्योंकि यह मेरा अधिकार और मेरा दायित्व है।’’ जनवरी फरवरी 2011 में हुई क्रांति के बाद देश में यह हिंसा और जालसाजी से मुक्त पहला चुनाव है। इस क्रांति में बरसों से मिस्र पर शासन कर रहे राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक को पद छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था।
कहा जा रहा है कि देश भर में मतदान अच्छा हुआ। मतदान का निरीक्षण कर रहे एक आधिकारिक निकाय के अनुसार, करीब 50 फीसदी योग्य मतदाताओं ने मतदान किया। चुनाव मैदान में मौजूद 12 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करीब पांच करोड़ मतदाताओं ने किया। प्रत्याशियों में पूर्व विदेश मंत्री और अरब लीग के प्रमुख अम्र मूसा हैं जिन्हें एक अनुभवी राजनीतिक और राजनयिक माना जाता है। लेकिन मुबारक के कार्यकाल के अंतिम प्रधानमंत्री अहमद शफीक की तरह ही उन पर भी पुराने प्रशासन से रिश्ते रखने का आरोप है।
शक्तिशाली मुस्लिम ब्रदरहुड के प्रत्याशी मोहम्मद मुरसी को इस्लामिस्ट आंदोलन के पूर्व सदस्य अब्दुल मोमिल अबुल फतोह से कड़ी चुनौती मिल रही है। फतोह खुद को सबकी पसंद बता रहे हैं जबकि मतदान के तत्काल बाद मुस्लिम ब्रदरहुड ने मुरसी की जीत की भविष्यवाणी भी कर दी।
मतदान 23 और 24 मई को हुआ है। विश्लेषकों का कहना है कि निर्णय नहीं कर पाने वाले मतदाताओं की अधिक संख्या ने पहले दौर को अत्यंत जटिल बना दिया है।
इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने राष्ट्रपति पद के लिए संपन्न इन ऐतिहासिक चुनावों के लिए मिस्रवासियों को बधाई दी और कहा है कि वाशिंगटन मिस्र में नयी सरकार के साथ काम करने के लिए तैयार है।
हिलेरी ने कहा ‘हम मिस्र वासियों के साथ रहेंगे क्योंकि वह पिछले साल हुए विद्रोह के वादे पूरे करने और एक ऐसा लोकतंत्र स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं जो उनकी परंपराओं और आकांक्षाओं को दर्शाता है, जहां मानवाधिकारों का सम्मान होता है और सभी को बेहतर तथा सम्मानपूर्ण जीवन जीने का हक मिलता है।’
वाशिंगटन से मिली खबर के अनुसार, उन्होंने इन चुनावों को मिस्र में लोकतंत्र की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया है। इससे पहले संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में हिलेरी के साथ, अमेरिका गए न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री मुरे मैक्कली भी थे।
हिलेरी ने कहा ‘लोकतांत्रिक सरकार की दिशा में बढ़ रहे मिस्र के लिए यह चुनाव निश्चित रूप से मील का एक पत्थर हैं। पूरी दुनिया देख रही है कि मिस्र के लोगों ने एक आजाद एवं लोकतांत्रिक देश की ओर किस तरह कदम बढ़ाया है।’ एक अन्य बयान में सीनेट की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष जान केरी ने कहा कि कुछ अनियमितताओं के बावजूद अब तक मिली खबरों से संकेत मिलता है कि मतदान प्रक्रिया स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण रही।
स्कूलों और देश की अन्य संस्थाओं में मिस्र के निर्वाचन आयोग के प्रतिनिधि सावधानीपूर्वक मतगणना कर रहे हैं। प्रत्येक वोट में प्रत्याशी के नाम, फोटोग्राफ और चुनाव चिह्न छपे हैं। देश भर में मतदान केंद्रों से परिणाम आज से आने की उम्मीद है। लेकिन नतीजों की आधिकारिक घोषणा 27 मई तक नहीं की जाएगी। (एजेंसी)
First Published: Friday, May 25, 2012, 10:04