Last Updated: Thursday, June 14, 2012, 23:37
काहिरा : मिस्र के सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को अपने एक अहम फैसले में कहा कि पिछले वर्ष हुए आम चुनाव ‘असंवैधानिक’ थे और उसने इस्लामिक प्रभाव वाले संसद के निचले सदन को भंग करने के आदेश दिए। न्यायालय के इस आदेश के साथ ही राजनीतिक तौर पर बंटे हुए देश में नयी समस्या सामने आ गयी है।
‘सर्वोच्च संवैधानिक न्यायालय’ ने हालांकि हुस्नी मुबारक की सत्ता के अंतिम प्रधानमंत्री अहमद शफिक को राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने की अनुमति दे दी। सरकारी संवाद समिति ‘एमईएनए’ की खबर के अनुसार, संवैधानिक अदालत ने आज फैसला सुनाते हुए कहा कि संसदीय चुनाव कानून में प्रत्यक्ष मत प्रणाली से संबंधित कुछ अनुच्छेद असंवैधानिक हैं। उसने यह बात नवनिर्वाचित संसद की एक तिहाई सीटों का हवाला देते हुए कही ।
इस फैसले से देश में नया राजनीतिक संकट पैदा हो सकता है। सर्वोच्च न्यायालय ने यह फैसला एक निचली अदालत के फैसले पर सुनाया है। अदालत ने कहा था कि संसदीय चुनावों में पार्टियों ने उम्मीदवार खड़े करते समय समानता के अधिकार का पालन नहीं किया है और उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए सुरक्षित एक तिहाई सीटों पर भी अपने उम्मीदवार खड़े किए। इसका अर्थ हो सकता है कि देश में फिर से नए सिरे से संसदीय चुनाव कराने पड़े। (एजेंसी)
First Published: Thursday, June 14, 2012, 23:37