Last Updated: Thursday, December 8, 2011, 08:09
वॉशिंगटन : एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों की हिंसक कार्रवाई के बावजूद अमेरिका ने मिस्र को भीड़ को नियंत्रित करने वाले हथियार देना जारी रखा।
मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले समूह ने बुद्धवार को कहा कि मिस्र में पिछले माह आने वाले एक जहाज में कम से कम सात टन तकलीफ पहुंचाने वाला रसायन और आंसू गैस के गोले जैसी सामग्री तथा गृह मंत्रालय के लिए निर्धारित सामान था।
एमनेस्टी इंटरनेशनल के बैरन वुड ने कहा कि इस तरह के सभी अमेरिकी हथियारों वाले जहाज को तब तक रोका गया है जब तक यह निश्चित नहीं होता कि गैस और संघर्ष से संबंधित अन्य सामग्री, हथियार या अन्य उपकरण मिस्र की सड़कों पर रक्तपात से नहीं जुड़े हैं। एमनेस्टी ने जहाजों को भेजने की इजाजत देने के लिए अमेरिकी सरकार की कड़ी आलोचना की है।
इस रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि अमेरिकी कंपनी ने एक पहले के लाइसेंस के अनुसार मिस्र को आंसू गैस के गोलों से भरे जहाज भेजे। लाइसेंस की अवधि अब खत्म हो गया है।
प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा, हम काहिरा में हाल ही में नागरिक विद्रोह के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ काफी अधिक बल के इस्तेमाल की आलोचना करते हैं। हम आंसू गैस के गोलों के दुरुपयोग के आरोपों को लेकर काफी गंभीर हैं।
बेदी ने डेविडसन से कहा कि यह वायरस इतना नुकसानदेह था कि उसने डाटालिंक के कंप्यूटरों को भी नुकसान पहुंचाया है। इसके बाद बेदी ने एक कहानी बनायी कि उसने इस वायरस के स्रोत के तौर पर होंडुरास के एक गांव का पता लगाया है।
उसने डेविडसन से कहा कि संगीतकार की और उसके परिवार की जान खतरे में है। इसके बाद उसने कंप्यूटर के आंकड़ों को वापस हासिल करने और इसकी सुरक्षा के साथ साथ डेविडसन की निजी सुरक्षा के नाम पर भी धन ऐंठना शुरू कर दिया।
बेदी को हैरीसन पुलिस ने उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वह देश छोड़ने की तैयारी कर रहा था। बाद में उसने अपना पासपोर्ट सौंप दिया। (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 8, 2011, 13:39