मिस्र संकट: मुर्सी ने सेना के 48 घंटे के अल्टीमेटम को किया खारिज

मिस्र संकट: मुर्सी ने सेना के 48 घंटे के अल्टीमेटम को किया खारिज

मिस्र संकट: मुर्सी ने सेना के 48 घंटे के अल्टीमेटम को किया खारिजकाहिरा : मिस्र के राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी ने देश में मौजूदा संकट को सुलझाने के लिए सेना के 48 घंटे के अल्टीमेटम को खारिज़ करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय स्थापित करने के लिए वह अपनी योजनाएं बनाएंगे। राष्ट्रपति ने लंबे समय से सत्ता पर काबिज़ हुस्नी मुबारक को अपदस्थ करने वाले 2011 के लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए कहा, 25 जनवरी की क्रांति की सबसे अहम उपलब्धियों में से एक मिस्र में लोकतंत्र की स्थापना है। मिस्र किसी भी हालात में ऐसा कोई कदम उठाने की मंजू़री नहीं देगा जो देश को पीछे की ओर ले जाता हो। मुर्सी से सत्ता छोड़ने की मांग करते हुए लाखों लोगों के सड़कों पर उतर आने के मद्देनज़र मिस्र की शक्तिशाली सेना ने चेतावनी दी थी कि प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग यदि 48 घंटे के भीतर नहीं मानी जाती तो वह दखल देगी।

हालांकि राष्ट्रपति ने कहा कि सेना ने अपनी घोषणा स्पष्ट नहीं की। उन्होंने ऐसी किसी भी घोषणा की निंदा की जिससे ‘फूट और गहरी’ हो और ‘सामाजिक शांति को खतरा’ पैदा हो। हालांकि सेना ने आज यहां जारी नए बयान में कहा कि राजनीतिक ताकतों को सुलह करने और मौजूद संकट को समाप्त करने के लिए दिया गया उसका 48 घंटों का अल्टीमेटम ‘सत्ता परिवर्तन की चेतावनी’ नहीं है बल्कि इसका मकसद मसले का तेज़ी से हल ढूंढना है।

सेना ने फेसबुक पेज पर पोस्ट किए गए बयान में कहा, मिस्र के सैन्य बलों के सिद्धांत उसे सत्ता परिवर्तन की मंजूरी नहीं देते हैं और यह अल्टीमेटम इसलिए जारी किया गया था ताकि राजनेताओं पर गतिरोध का तेज़ी से समाधान खोजने का दबाव बनाया जाए। सेना ने कहा, सेना न तो शासक है और न ही राजनीतिक परिदृश्य का हिस्सा है। वह खुद को दी गई जिम्मेदारी को नहीं छोड़ेगी।

इस बीच सलाफी नूर पार्टी के सहायक महासचिव शाबान अब्देल अलीम ने कहा कि सेना का कल जारी पहला बयान अस्पष्ट है। उन्होंने कहा, हमें सैन्य शासन की वापसी का डर है। समय सीमा पर्याप्त नहीं है। इस बीच सेना के बयान का स्वागत करते हुए ‘तामरोद’ मुहिम के संस्थापक महमूद बद्र ने कहा, हम मिस्र की महान सेना और उसके बयान को सलाम करते हैं। उन्होंने कहा,हम सेना को लोकतांत्रिक प्रणाली के प्रति उसकी प्रतिबद्धता के लिए भी सलाम करते हैं। उसने सत्ता और राजनीति का हिस्सा होने से इनकार कर दिया है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, July 2, 2013, 13:42

comments powered by Disqus