Last Updated: Sunday, March 4, 2012, 17:54
काहिरा : विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने रविवार को मिस्र नेतृत्व से मुलाकात करने के साथ ही मुस्लिम ब्रदरहुड के साथ पहली बार सम्पर्क स्थापित किया जिसके मुबारक के बाद देश के राजनीतिक परिदृश्य पर हावी होने की संभावना जतायी जा रही है।
गत वर्ष की क्रांति के बाद मिस्र की तीन दिवसीय यात्रा पर आये वरिष्ठ भारतीय नेता कृष्णा ने देश की वर्तमान सैन्य सरकार के प्रमुख फील्ड मार्शल मोहम्मद हुसैन तंतावी, प्रधानमंत्री कमाल अल गंझौरी तथा विदेश मंत्री मोहम्मद कामिल अम्र से मुलाकात की।
कृष्णा ने गत वर्ष पूर्वी लीबिया में फंसे तीन हजार भारतीय नागरिकों को निकालने और अशांति के समय प्रमुख भारतीय निवेश परियोजनाओं की सुरक्षा को दिये गए ‘असाधारण सहयोग’ के लिए तंतावी को धन्यवाद दिया।
कृष्णा की सबसे महत्वपूर्ण बैठक मुस्लिम बदरहुड के राजनीतिक शाखा फ्रीडम एंड जस्टिस पार्टी के नेता मोहम्मद मोर्सी से रही। मुबारक के बाद फ्रीडम एंड जस्टिस पार्टी सबसे बड़ी राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरी है।
मिस्र के राजनीतिक परिदृश्य पर मुस्लिम ब्रदरहुड के हावी होना लगभग तय माने जाने के मद्देनजर कृष्णा की उसके राजनीतिक शाखा के नेता के साथ बैठक को देश की नयी सत्ता के साथ संबंधों में मधुरता लाने के प्रयास के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। भारत के मुबारक सरकार के साथ अच्छे संबंध थे, मोर्सी के साथ बैठक कृष्णा को इस्लामी नीत नयी राजनीतिक सत्ता की आकांक्षाओं को समझने में मदद करेगी।
मोर्सी से कृष्णा से कहा कि भारत मिस्र का एक महत्वपूर्ण मित्र है और वह भविष्य में प्रमुख भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा, मिस्र आर्थिक संकट झेल रहा है और भारत को मिस्र के लोगों की मदद करनी चाहिए। फ्रीडम एंड जस्टिस पार्टी मिस्र के संसदीय चुनावों में 498 सीटों में से 235 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है।
मिस्र के प्रधानमंत्री अल गंजौरी ने कहा कि उनका देश भारत के साथ व्यापारिक सहयोग बढ़ाने को इच्छुक है। कृष्णा और मिस्र के विदेश मंत्री ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक सहमति पत्र के साथ ही अगले तीन वर्षों में सांस्कृति आदान प्रदान कार्यक्रम और कृषि सहयोग कार्ययोजना में सहयोग सहित कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने मिस्र और भारत के संयुक्त आयोग की छठे सत्र की बैठक की अध्यक्षता की जिसके बाद मिस्र के मानकीकरण संगठन और भारतीय मानक ब्यूरो के बीच एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए।
कृष्णा ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमने अभी समाप्त हुए संयुक्त आयोग की बैठक में अपने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की..भारत ने मिस्र को हमेशा ही क्षेत्र और विश्व में स्थिरता प्रदान करने वाले कारक के रूप में देखा है। उन्होंने कहा कि दोनों मंत्रियों ने व्यापार और आर्थिक सहयोग, वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहयोग, सांस्कृतिक सहयोग एवं सूचना प्रौद्योगिकी की चार उप समितियों की इस क्षेत्र द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 5, 2012, 16:14