Last Updated: Saturday, May 19, 2012, 16:11
वाशिंगटन : श्रीलंका ने आज कहा कि लिट्टे के खिलाफ युद्ध के समय मानवाधिकार के कथित उल्लंघन की जांच वह खुद करेगा। उसने इसके लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण बनाने की मांग को भी खारिज कर दिया है।
श्रीलंकाई विदेश मंत्री जी एल पीरिस ने कहा, श्रीलंका के अटॉर्नी जनरल ने मावाधिकारों के कथित उल्लंघन की जांच शुरू कर दी है। अमेरिका की यात्रा पर आए पीरिस ने अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के समक्ष विस्तृत सुलह योजना पेश की और कहा कि श्रीलंका खुद युद्ध उत्पीड़न के आरोपों की जांच कराएगा। उसमें सुरक्षा बलों द्वारा किया गया उत्पीड़न भी शामिल है।
श्रीलंकाई अटार्नी जनरल ने युद्ध उत्पीड़न और मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों की जांच शुरू कर दी है जो देश में छिड़े गृह युद्ध के आखिर के महीनों में हुए थे।
पीरिस ने ये बातें अपनी चार दिन की अमेरिका यात्रा के समापन पर यहां संवाददाता सम्मेलन में कही।
अपनी वाशिंगटन यात्रा के अंतिम दिन पीरिस ने विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अमेरिका के समक्ष विस्तृत मेल-मिलाप योजना पेश की।
श्रीलंकाई सरकार द्वारा जांच शुरू किए जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर पीरिस ने कहा, स्थानीय जांच अभी शुरू हुई है। इसे आगे बढ़ने और निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए तर्कसंगत अवसर दिया जाना चाहिए। जब तक वैसा होता है तब तक अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण द्वारा किसी भी तरह का हस्तक्षेप जल्दबाजी होगी। पीरिस ने कहा कि जांच में सुरक्षा बलों द्वारा किया गया मानवाधिकारों का उल्लंघन भी शामिल है।
विदेश मंत्री ने कहा कि उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी अधिकारियों को गृह युद्ध खत्म होने के बाद उठाए गए कदमों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं का निराकरण करने के लिए उठाए गए कदमों का व्यापक ब्यौरा दिया है। हालांकि, उन्होंने जोर दिया कि कोई भी दस्तावेज नहीं सौंपा गया है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, May 19, 2012, 21:41